Wednesday, December 22, 2010

सखी मैं तो प्याज दिवानी

-ओंम प्रकाश नौटियाल



मुहब्बत मे तेरी दिवानी,ओ प्याज, आज भी हूं,
तुझ पर चलाकर छुरी,अश्क बहाती आज भी हूं,
पर कीमत लगाई तूने,जो आने की मेरे दर पर,
उससे परेशां कल थी,और परेशाँ मैं आज भी हूं।

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