Sunday, October 29, 2017

, होगा देश महान !

व्हाट्‍स एप नित्य जितना , बाँट रहा है ज्ञान

दूर नहीं वह दिवस जब , होगा देश महान
-ऒंम प्रकाश नौटियाल

Friday, October 27, 2017

कौन बनेगा करोड़़ पति ?

बन सके वह करोड़पति ,जिसका ज्ञान विशिष्ट

या फिर घूस पचा सके, हो मृदु भाषी, शिष्ट !

-ओंम प्रकाश नौटियाल

लोकतंत्र

लोकतंत्र के मायने, उनकी हो सरकार

बलशाली नेता रहें, जिनके रिश्तेदार !

-ओंम प्रकाश नौटियाल

Thursday, October 26, 2017

पुश्तैनी घर

सभी इमारत का मुझे ,रटा हुआ इतिहास

पुश्तैनी घर पर बना ,किन पूर्वजों प्रयास?

-ओंम प्रकाश नौटियाल

वादा तेरा वादा

सत्त्ता चाहे लक्ष्य पर , धर सेवक अवतार

ऐसे वादे कीजिए , मुँह से टपके लार !!

-ओंम प्रकाश नौटियाल

Tuesday, October 24, 2017

ब्लाइँड़ खेल

ब्लाइँड़ खेल प्रकाश में, धन खोया अनमोल

जीवन की बाजी सदा, खेल आँख को खोल !

- ओंम प्रकाश नौटियाल

भ्रष्टाचार

भ्रष्टाचार करना यदि, पूरी तरह समाप्त

खबरें इसकी बंद हों , होगा यह पर्याप्त

होगा, यह पर्याप्त, यदि कोई नहीं माने

करे जेल की सैर ,सजा वह पक्की जाने

सब लोग करें ध्यान, बरतें यह शिष्टाचार

लिखें , पढ़ें ना लेख , लिए शब्द भ्रष्टाचार !!!

-ओंम प्रकाश नौटियाल

Saturday, October 21, 2017

छुट्टी पर अखबार

वड़ोदरा में आज भी, छुट्टी पर अखबार

नाश्ता फिर अब कीजिए,लेकर संग अचार !!

-ओंम प्रकाश नौटियाल

आई थी दीवाली

आई थी दीवाली और फिर आकर चली गई

नकली रोशनी से आस का अब भ्रम नहीं होता,

पंछी तो आज भी गगन मे निर्भीक उड़ते हैं

किसी दल का लहराता वहाँ परचम नही होता !!!!!

-ओंम प्रकाश नौटियाल

Friday, October 20, 2017

गोवर्धन पूजा

पर्वत पूजन का बने,यह भी एक विकल्प

पर्यावरण वहाँ बचे, करें आज संकल्प !!

-ओम प्रकाश नौटियाल

Wednesday, October 18, 2017

दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं !!!!

लीजे दिया कुम्हार से, बड़ी दुकानें त्याग

श्रम का जब दीपक जले,जगमग चमके भाग!!

ओंम प्रकाश नौटियाल

Tuesday, October 17, 2017

धन तेरस की हार्दिक शुभकामनाएं !!!

वैसे तो हर ब्रांड़ की ,चाय सभी को भाय,

जि एस ’टी’ के स्वाद पर ,क्या है लेकिन राय ?

-ओंम प्रकाश नौटियाल

Saturday, October 14, 2017

चुनाव

सब दलों की चिंता यह , आते पास चुनाव

देखें अब की मिल सके, वादों का क्या भाव !!

-ओंम प्रकाश नौटियाल

आज फिर एक अत्यंत दुःखद समाचार मिला !ॐ शान्ति शान्ति !!!! 14.10.2017

क्रूर काल के फिर चले, असमय ही विष दंत

एक जागृत जीवन का, हाय किया रे अंत !!

ओंम प्रकाश नौटियाल

शतरंज सी बिसात

बिछ गई फिर चुनाव की , शतरंज सी बिसात

सब चालों में शाह की , छुपी हुई शह मात !!!

-ओंम प्रकाश नौटियाल

Monday, October 2, 2017

नियति जन्य प्रहार

नियति जन्य प्रहार कभी, भीषण निर्मम क्रूर
हो जाते क्षण में  सभी , सपने चकना चूर !!!
-ओंम प्रकाश नौटियाल