-ओंम प्रकाश नौटियाल
अपने देश में रेलों की भूमिका बडी अहम,
हर मुश्किल में ये हैं,अपनी सच्ची हमदम,
बात हो जायज,नाजायज पटरी पर आ जा,
माँग न पूरी हो जब तक, उठ कर ना जा,
मित्रों के संग गप मार,उडा उत्तम भोजन,
मंत्री खुद वहाँ आयेंगे,उनका वोट प्रयोजन,
क्या लेना तुझे,रुके जो ट्रेन्स का आना जाना,
इतना सोच हो कैसे , खुद का सफ़र सुहाना,
ट्रेनें रोक,पटरी तोड,जहाँ चाहे आग लगा जा,
कुछ नहीं होगा तुझे,तू अपनी मर्जी का राजा,
’ओंम’ बोलो जय देश ,धन्य अपना लोकतंत्र,
तोडफोड,आगजनी,हिंसा को, हर कोई स्वतंत्र ।
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