Friday, December 31, 2010

नव वर्ष -०१.०१.२०११

-ओंम प्रकाश नौटियाल


आज भोर जब निद्रा रानी हुई विदा,
देखा द्वार पर मुस्काता नव नर्ष खडा,
बारह महीनों के लिबास में सजा धजा,
घटनाओं का लिए पिटारा रत्न जडा ।

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