Friday, February 20, 2015

महत्वपूर्ण सावधानियाँ - कुर्सी के संबंध में

जब भी आप कुछ देर के लिए कुर्सी छोड कर या अस्थायी तौर पर किसी अन्य को सौंप कर कहीं जाते हैं तो उस पर अपना नाम कढा हुआ रुमाल अवश्य रख दीजिए ताकि कुर्सी पर आपका अधिकार सुरक्षित रहे ।

भावावेश में आकर या ईमानदारी के जूनून में बहकर कुर्सी छोडने की भूल कभी न करें । लोग आपके इस कृत्य का न केवल अतिशय दुष्प्रचार करेंगे  बल्कि आपको भगौडा जैसे विशेषणों से सुसज्जित कर यह सुनिश्चित करेंगे कि आपका यह कार्य अन्य किसी के  कुर्सी प्रेम को तिरस्कृत  करने के लिए उदाहरण न बन सके ।

कुर्सी आपको जीवन रूपी मंझधार से पार लगाने का अचूक वाहन है ।  इसके खेवनहार स्वयं बनिए और इसके लिए किसी अन्य माँझी पर भूल कर भी भरोसा मत की कीजिए ।

-ओंम प्रकाश नौटियाल , बडौदा , मोबा. 9427345810

Sunday, February 8, 2015

मोदी जी मेरे सपने में

-ओंम प्रकाश नौटियाल
आज सुबह के वक्त स्वप्न में प्रधान मंत्री मोदी जी से मुलाकात हो गई । मोदी जी ने भी मानों मुझे एकदम पहचान लिया और देखते ही बोले , "ओंम भाई केम छो ? वडोदरा मे  सब कुछ ठीक है न? " मैंने अभिवादन के साथ उनसे बातचीत प्रारंभ की और एक प्रश्न , जो पिछले कई दिनों से मन को बेचैन कर रहा था , उनके सामने रख दिया । मैंने कहा , "प्रधान मंत्री जी यह अमरीकी राष्ट्रपति हमारे आंतरिक मामलों में क्यों दखलअंदाजी करते हैं ? भारत छोडने से पहले भी उन्होंने भारत को धार्मिक सहिष्णुता का पाठ पढ़ाने की जुर्रत की थी , अब फिर एक बयान में उन्होंने भारत  को इस मसले पर नसीहत दे डाली है । आपको नहीं लगता अमेरिका सारी हदें पार कर रहा है ?"
मोदी जी ने तुरंत हँसकर उत्तर दिया , " अरे नहीं ओंम भाई , मेरा और बराक का मजाक तो चलता रहता है , अब तुमसे क्या छुपाना , उस दिन भारत में चाय पर हुई आपसी बातचीत में मैंने भी उन्हें छेड़ दिया था कि अमेरिका में काले लोगों पर ज्यादती होने के समाचार  क्यों आते रहते हैं ?" मजाक की बात थी , बराक ने भी मजाक में जवाब दिया  -अरे मैं भी  तो काला हूं कभी कभी मुझ पर भी होती है तुम्हारी भाभी की तरफ़ से । हा हा हा - तो हमारा ऐसा हंसी मजाक बिल्कुल नई बात नहीं  है । कई दिन हो गए हैं उन्हें  भारत से गए हुए । मुझसे फिर मसख्ररी करने का मन हुआ होगा , तो यह  मजाक शुरु कर दिया । अब बराक की बातें क्या बताऊं , बडा ही मजाकिया स्वभाव पाया है ।" और तभी पत्नी की "चाय लीजिए " की आवाज के साथ आँख खुल गई ।
यह चाय भी अजीब चीज है किसी के तो प्रधान मंत्री बनने के सपने तक पूरे कर देती है और किसी के प्रधान मंत्री से हो रही बातचीत तक के सपने तोड़ देती है ।
ओंम प्रकाश नौटियाल, बडौदा , मोबा.9427345810