Sunday, December 29, 2019

Tuesday, December 24, 2019

पाखण्ड़

अधिक दिनों तक कब चले ,झूठ और पाखण्ड़
दिग्गजों का घमण्ड़ भी ,   होते  देखा झंड़ !!
-ओंम प्रकाश  नौटियाल

घमंड़


Saturday, December 21, 2019

सत्ता की शतरंज !!

ताने चाहे मारिए , करते रहिए तंज
चाल सदा टेढ़ी चले, सत्ता की शतरंज !!
-ओंम प्रकाश नौटियाल

खून का रिश्ता

किसी को दिल मिला है चोट खाकर टूट जाने को,
किसी का साथ था कुछ दूर जाकर छूट जाने को,
एक पत्थर का इस सर से निकला खून का रिश्ता
मिला पुरजोर प्रेम का फव्वारा  फूट  जाने  को !!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
(पूर्व प्रकाशित-सर्वाधिकार सुरक्षित)

Friday, December 6, 2019

प्याज लाओ तुम !!

मँहगाई को रोने से,  जरा अब बाज आओ तुम,
पत्नी की मुश्किल का भी ,तनिक तो राज पाओ तुम,
यह कहना छोड़ दो अब कि, तुम्हारी जेब खाली है,
बैंक जाकर के कर्ज लो , शीघ्र फिर प्याज लाओ तुम !!
-ओंम प्रकाश नौटियाल

Thursday, December 5, 2019

तेरी दिवानी

मोहब्बत में तेरी दिवानी, ऐ प्याज आज भी हूँ,
चाकू चले जो तुझ पर, बहाती आँसू आज भी हूँ,
पर दाम लगा रहा जो, तू आने के मेरे दर  पे
दुखी उनसे कल बहुत थी ,’ओंम’ दुखी मैं आज भी हूँ !
ओंम प्रकाश नौटियाल
(सर्वाधिकार सुरक्षित)

Wednesday, December 4, 2019

"किसकी मजाल जो हमें टोपी पहना सके .."

प्राप्त समाचारों के अनुसार गुजरात सरकार ने चार दिसम्बर 2019 को हुई मंत्रिमंड़ल की एक महत्वपूर्ण बैठक में ,केन्द्र सरकार द्वारा बनाये गये नये परिवहन कानून से छूट लेते हुए , गुजरात में हेलमेट की अनिवार्यता को महानगर पालिका और नगर पालिका क्षेत्रों में  फिलहाल समाप्त कर उसे एच्छिक कर दिया है।
सरकार के अनुसार उसके इस निर्णय के पीछे लोगों द्वारा हेलमेट के विरोध में दिये गये जान से भी प्यारे अनेकों कारणों का सम्मान करना है जिनमें कुछ इस प्रकार हैं:
1.विवाह समारोह आदि में भाग लेने जाते समय हेलमेट से मेकअप और हेयर स्टायल बिगड़ जाता है ।
2.श्मशान यात्रा व शोक प्रकट करने जाते वक्त हेलमेट हाथ में पकड़े रहना बड़ा अटपटा और अवसर के प्रतिकूल लगता है।
3.अन्य वाहनों के हार्न की आवाज ठीक से सुनने में यह बाधक है ।
4.सोशल मीडिया पर हेलमेट के विरोध में बहुत लोग आवाज उठा रहे हैं ।
5.गर्मी के मौसम में, मार्च से सितम्बर तक, हेलमेट असह्य है ।
बताया गया है कि पिछले एक वर्ष में ही गुजरात में दो पहिया वाहनों से हुई दुर्घटनाओं में पाँच सौ से अधिक लोग मारे गये है जिनमें से अधिकांश लोग बच सकते थे यदि हेलमेट पहना हुआ होता ।
किंतु संवेदनशील सरकार ने इन आँकड़ों को नजरांदाज करते हुए और  केवल अपनी प्यारी की भावनाओं का संज्ञान लेते हुए उन्हें हेलमेट से छूट देने का महत्वपूर्ण निर्णय ले लिया ।वैसे भी जीवन डोर तो ऊपर वाले के हाथ में है हेलमेट कहाँ से बीच में आता है।
सचमुच, सरकारें जनता को उनकी जान से भी ज्यादा चाहती हैं !!!
-ओंम प्रकाश नौटियाल

प्याज

परत परत चर्बी चढ़ी, खाता ऊँचा भाव
क्या हो जाता प्याज को, हों जब दूर चुनाव!
-ओंम प्रकाश नौटियाल