Wednesday, December 15, 2010

हम हैं नेता

ओंम प्रकाश नौटियाल

दिग्विजयी अर्थात दिशाओं के विजेता हैं,
बेसिरपैर की वोटीली खबरों के प्रणेता हैं।

उलटफ़ेर चाहो कोई,हम उसमें भी माहिर हैं,
ऐसे सच को झूठ कर दें,जो जग जाहिर है।

जोडने की ओट में, देश को तोड सकते हैं,
वोटों के लिए तथ्यों को भी मरोड़ सकते हैं।

हों शौर्य के किस्से, या शहीदों की शहादत,
हर मुद्दे पे सियासत, तो अपनी रही आदत।

बडे हथकण्डों से भाई, यह कुर्सी मिलती है,
कुर्सी से धडकता दिल और साँस चलती है।

तुम सोचते हो ग्रीवा दर्द कारण से ऐंठे है,
अरे,कन्धों पे ’ओंम’ देश को संभाले बैठे हैं।

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