Friday, May 29, 2020
Thursday, May 28, 2020
Friday, May 22, 2020
Thursday, May 21, 2020
राजीव गाँधी - पुण्य तिथि पर
राजीव गाँधी - पुण्य तिथि पर
21 मई के दिन वर्ष 1991 में भारत के सबसे कम उम्र के सातवें प्रधानमंत्री भारत रत्न श्री राजीव गाँधी की चेन्नई से 30 किलोमीटर दूर श्री पैरुमबदूर में लिट्टे उग्रवादियों द्वारा हत्या कर दी गयी थी क्योंकि उन्होंने श्रीलंका में उग्रवाद को समाप्त करवाने की दिशा में बहुत महत्वपूर्ण सक्रिय सहयोग दिया था ।
श्री राजीव गाँधी का जन्म 20 अगस्त 1944 को मुम्बई में हुआ था । शिक्षा के लिये वह कुछ समय देहरादून के व्हैलम बोयज स्कूल में रहे उसके बाद उन्हें देहरादून के विश्व प्रसिद्ध दून स्कूल में भेज दिया गया ।स्कूली शिक्षाके उपरान्त वह आगे की पढाई के लिये ट्रिनिटी कौलेज लंदन गये तत्पश्चात उन्होंने मेकेनिकल इंजिनीयरिंग की पढाई के लिये इम्पीरियल कौलेज लंदन को चुना । किन्ही कारणों से वह वहाँ पढ़ाई पूरी न कर सके ।1966 में वह भारत वापस लौट गये ।उन्हें फोटोग्राफी ,पश्चिमी और भारतीय शास्त्रीय संगीत का जुनून था । फ्लाइंग का भी शौक था । दिल्ली फ़्लाईंग क्लब से पायलट की ट्रेनिंग लेने के बाद 1970 में वह इंडियन एयर लाइन्स में पायलट के रूप में शामिल हुए ।
राजनीति में उनकी कतई दिलचस्पी नहीं थी किंतु 23 जून 1980 में छोटे भाई संजय गाँधी की विमान दुर्घटना में हुई मृत्यु के पश्चात उन पर राजनीति में आने का दबाव था । 1981 में वह अमेठी से चुनाव जीते और फिर भारतीय युवा काँगेस के अध्यक्ष बनाये गये ।
सरल हृदय ,मृदुभाषी व प्रभावशाली व्यक्तित्व के धनी श्री राजीव गाँधी ने प्रधानमंत्री के रूप में अपने पाँच वर्ष (1984-1989)के कार्यकाल में अनेकों महत्वपूर्ण कार्य और सुधार किये जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं :
1.राजीव गाँधी को संचार क्राँति का जनक और डिजिटल भारत का वास्तुकार माना जाता है ।उनके कार्यकाल के प्रारंभ में सन 1984 में ही
Centre for Development of Telematics (C-DOT) की स्थापना हुई थी जिसने भारत में संचार तकनीक को विकसित कर आधुनिकतम बनाने का कार्य प्रारंभ किया ।
इसके साथ ही C-DOT ने गाँव गाँव तक E-10B एक्सचेज पर आधारित PCO (public call office) बूथ पहुँचा कर इस क्षेत्र में अभूतपूर्व क्राँति की जिससे ग्रामीण क्षेत्र बाहरी दुनिया से जुड़ सके । 1986 में MTNL स्थापना हुई
2.राजीव गाँधी ने विज्ञान तकनीक और इनसे जुड़े उद्योगों के विकास में महत्वपूर्ण कार्य किये । भारतीय रेलवे में कम्पूटराइज्ड टिकट की व्यवस्था शुरू की । कम्पूटर ,संचार ,रक्षा ,एयरलाइन्स के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किये ।
3.राजीव गाँधी ने 1986 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति की घोषणा की जिसका उद्देश्य उच्च शिक्षा का विस्तार और आधुनिकरण था ।इस नीति के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों की प्रतिभा को बाहर लाने के लिये जवाहर नवोदय विद्यालयों की स्थापना की गयी ।इनमें ग्रामीण क्षेत्रों मे कक्षा 6 से 12 तक मुफ्त आवासीय शिक्षा का प्रावधान है ।
4.1989 में पास किये 61वे संशोधन द्वारा वोटिंग उम्र 21 से घटा कर 18 की गयी ।
इसके अतिरिक्त पंचायती राज संस्थाओं के सशक्तिकरण की स्थापना का प्रारंभिक कार्य ,प्रधान मंत्री के सर्वप्रथम कार्य के रूप में दल बदल के विरोध में कानून पास करना आदि सुधारों के लिये भी इतिहास उन्हें याद करेगा ।
श्री राजीव गाँधी की पुण्य स्मृति को नमन !!
-ओंम प्रकाश नौटियाल,बडौदा
21 मई के दिन वर्ष 1991 में भारत के सबसे कम उम्र के सातवें प्रधानमंत्री भारत रत्न श्री राजीव गाँधी की चेन्नई से 30 किलोमीटर दूर श्री पैरुमबदूर में लिट्टे उग्रवादियों द्वारा हत्या कर दी गयी थी क्योंकि उन्होंने श्रीलंका में उग्रवाद को समाप्त करवाने की दिशा में बहुत महत्वपूर्ण सक्रिय सहयोग दिया था ।
श्री राजीव गाँधी का जन्म 20 अगस्त 1944 को मुम्बई में हुआ था । शिक्षा के लिये वह कुछ समय देहरादून के व्हैलम बोयज स्कूल में रहे उसके बाद उन्हें देहरादून के विश्व प्रसिद्ध दून स्कूल में भेज दिया गया ।स्कूली शिक्षाके उपरान्त वह आगे की पढाई के लिये ट्रिनिटी कौलेज लंदन गये तत्पश्चात उन्होंने मेकेनिकल इंजिनीयरिंग की पढाई के लिये इम्पीरियल कौलेज लंदन को चुना । किन्ही कारणों से वह वहाँ पढ़ाई पूरी न कर सके ।1966 में वह भारत वापस लौट गये ।उन्हें फोटोग्राफी ,पश्चिमी और भारतीय शास्त्रीय संगीत का जुनून था । फ्लाइंग का भी शौक था । दिल्ली फ़्लाईंग क्लब से पायलट की ट्रेनिंग लेने के बाद 1970 में वह इंडियन एयर लाइन्स में पायलट के रूप में शामिल हुए ।
राजनीति में उनकी कतई दिलचस्पी नहीं थी किंतु 23 जून 1980 में छोटे भाई संजय गाँधी की विमान दुर्घटना में हुई मृत्यु के पश्चात उन पर राजनीति में आने का दबाव था । 1981 में वह अमेठी से चुनाव जीते और फिर भारतीय युवा काँगेस के अध्यक्ष बनाये गये ।
सरल हृदय ,मृदुभाषी व प्रभावशाली व्यक्तित्व के धनी श्री राजीव गाँधी ने प्रधानमंत्री के रूप में अपने पाँच वर्ष (1984-1989)के कार्यकाल में अनेकों महत्वपूर्ण कार्य और सुधार किये जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं :
1.राजीव गाँधी को संचार क्राँति का जनक और डिजिटल भारत का वास्तुकार माना जाता है ।उनके कार्यकाल के प्रारंभ में सन 1984 में ही
Centre for Development of Telematics (C-DOT) की स्थापना हुई थी जिसने भारत में संचार तकनीक को विकसित कर आधुनिकतम बनाने का कार्य प्रारंभ किया ।
इसके साथ ही C-DOT ने गाँव गाँव तक E-10B एक्सचेज पर आधारित PCO (public call office) बूथ पहुँचा कर इस क्षेत्र में अभूतपूर्व क्राँति की जिससे ग्रामीण क्षेत्र बाहरी दुनिया से जुड़ सके । 1986 में MTNL स्थापना हुई
2.राजीव गाँधी ने विज्ञान तकनीक और इनसे जुड़े उद्योगों के विकास में महत्वपूर्ण कार्य किये । भारतीय रेलवे में कम्पूटराइज्ड टिकट की व्यवस्था शुरू की । कम्पूटर ,संचार ,रक्षा ,एयरलाइन्स के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किये ।
3.राजीव गाँधी ने 1986 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति की घोषणा की जिसका उद्देश्य उच्च शिक्षा का विस्तार और आधुनिकरण था ।इस नीति के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों की प्रतिभा को बाहर लाने के लिये जवाहर नवोदय विद्यालयों की स्थापना की गयी ।इनमें ग्रामीण क्षेत्रों मे कक्षा 6 से 12 तक मुफ्त आवासीय शिक्षा का प्रावधान है ।
4.1989 में पास किये 61वे संशोधन द्वारा वोटिंग उम्र 21 से घटा कर 18 की गयी ।
इसके अतिरिक्त पंचायती राज संस्थाओं के सशक्तिकरण की स्थापना का प्रारंभिक कार्य ,प्रधान मंत्री के सर्वप्रथम कार्य के रूप में दल बदल के विरोध में कानून पास करना आदि सुधारों के लिये भी इतिहास उन्हें याद करेगा ।
श्री राजीव गाँधी की पुण्य स्मृति को नमन !!
-ओंम प्रकाश नौटियाल,बडौदा
पुण्य तिथि
आज भारत के पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गाँधी की पुण्य तिथि है !
-
संचार क्राँति के जनक, तकनीकी चाणक्य
पुण्य तिथि पर नमन तुम्हें ,हे भारत माणिक्य !
-ओंम प्रकाश नौटियाल
-
संचार क्राँति के जनक, तकनीकी चाणक्य
पुण्य तिथि पर नमन तुम्हें ,हे भारत माणिक्य !
-ओंम प्रकाश नौटियाल
Tuesday, May 19, 2020
बेबस
’बस’ के पास खड़े हुए ”बेबस’ पर मजदूर
’ओंम’ पूर्ण होते नहीं , कागज के दस्तूर !
-ओंम प्रकाश नौटियाल
’ओंम’ पूर्ण होते नहीं , कागज के दस्तूर !
-ओंम प्रकाश नौटियाल
Sunday, May 17, 2020
Tuesday, May 12, 2020
Monday, May 11, 2020
Saturday, May 9, 2020
Tuesday, May 5, 2020
Thursday, April 23, 2020
Tuesday, April 14, 2020
Saturday, April 4, 2020
Friday, April 3, 2020
Saturday, March 14, 2020
रात की तनहाई और सिसकियाँ
- ओंम प्रकाश नौटियाल
कुछ दिनों पूर्व कि बात है शंघाई शहर के सिंगची गाँव के पंचायती घर के एक कमरे में विद्वान सहित्यकार ली पिंग एक दिन ठहरने के लिये रूके । रात में उन्हें साथ के कमरे से किसी के सिसकने का स्वर सुनाई दिया । वह उठे और हल्की मोमबत्ती की रोशनी में कराहने की आवाज का स्रोत ढूंढ़ने लगे ।बगल के कमरे में घुसते ही कराहने का स्वर तीव्र हो गया किंतु उन्हें कुछ दिखायी नहीं दिया । कुछ घबराते हुए काँपते स्वर में उन्होंने तेज आवाज में पूछा ,"कौन है यहाँ ,सामने क्यों नहीं आता ?" तभी ऊँचे स्वर में आवाज आई, " आप घबराइये नहीं । मैं यहाँ दरवाजे के सामने वाली खिड़की के दायीँ ओर वाले कोने में हूँ मेरा नाम कुंग ची कोरोना है । ईश्वर ने मुझे इतना छोटा बनाया है कि आप मुझे नहीं देख सकते पर मैं आपको देख सकता हूँ ।"
"ठीक है । क्या चाहते हो । रो क्यों रहे हो ?"
"पिंग जी , मैं वर्षों से इस कोने में पडा हूं ।मैं बहुत शक्तिशाली हूँ किंतु मुझे कोई नहीं पूछता। आज वर्षों बाद कोई यहाँ आपकी उपस्थिति का भान हुआ तो आप से अपना दर्द बाँटने का मन हुआ। और आँसुओं का दरिया उमड़ पड़ा । " कुंग भर्राये गले से बोला ।"
" कुंग बेटा , तुम शायद आज की दुनियाँ से बेखबर हो । केवल गुण संपन्न होना ही काफी नहीं है -अपने गुण दुनियाँ के सामने पेश करने के हथकण्डों में भी शातिर होना चाहिए । हर फन का यही उसूल है । हमारे साहित्यिक जगत में भी चंदा, चाटुकारिता, भोज ,संपर्क आदि साहित्यिक योगदान से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है तभी तो हमारे गाँव का चाँग लुई, जिसका साहित्यिक योगदान सरकार के लिये कुछ नारे लिखने तक सीमित रहा है, चीन के सर्वोच्च साहित्यिक पुरस्कार च्वान से सम्मानित हो गया । इसलिये बेटा ,केवल शक्तिशाली होकर कोने में पड़े रहने से तुम्हें कोई नहीं जानेगा । तुम्हें स्वयं को विश्व में प्रचारित करना होगा । "
" कैसे चाचा, बताइये न क्या करूं ?"
" तुम अब बिल्कुल चिंता मत करो। तुम भाग्यशाली हो कि मुझसे तुम्हारी मुलाकात हो गयी । तुम परसों मेरे साथ चलो मैं तुम्हें शंघाई ले जाऊँगा । वहाँ से चीन और सारे विश्व के द्वार तुम्हारे लिये अपनी शक्ति प्रदर्शन के लिये खुले होंगे ।" पिंग बोले ।
"जी बहुत अच्छा ।मैं तैय्यार हूं ।"
" पर सुनो।कुंग ची कोरोना जैसा लम्बा नाम सफलता में बाधक है । आज से तुम दुनियाँ के लिये केवल कोरोना हो । समझे ।"
दो दिन पश्चात ली पिंग ने कोरोना को शंघाई एयरपोर्ट पर छोड़ दिया ।
"कोरोना बेटे । यहाँ से तुम विश्व भ्रमण पर अपनी शक्ति दिखाने निकल जाओ ।"
"ठीक है चाचा । लेकिन एक बात सुनो। मैं नही चाहता कि मेरे विश्व प्रसिद्ध होने का श्रेय मेरे अतिरिक्त किसी और को मिले । तुम्हारे माधयम से चीन में तथा अन्य जगहों पर भी लोग मेरी शक्ति का लोहा मानेंगे पर मुझे दुःख है कि यह देखने के लिये और दुनियाँ को मेरी कहानी सुनाने के लिये तुम अब जीवित नहीं बचोगे । "
और सचमुच ली पिंग की तीन दिन बाद मृत्यु हो गयी तथा उनके बताये हुए रास्ते पर चलकर शीघ्र ही दुनियाँ कोरोना की शक्ति के आगे नतमस्तक हो गयी ।
-ओंम प्रकाश नौटियाल ,बडौदा , मोबा. 9427345810
(सर्वाधिकार सुरक्षित )
"ठीक है । क्या चाहते हो । रो क्यों रहे हो ?"
"पिंग जी , मैं वर्षों से इस कोने में पडा हूं ।मैं बहुत शक्तिशाली हूँ किंतु मुझे कोई नहीं पूछता। आज वर्षों बाद कोई यहाँ आपकी उपस्थिति का भान हुआ तो आप से अपना दर्द बाँटने का मन हुआ। और आँसुओं का दरिया उमड़ पड़ा । " कुंग भर्राये गले से बोला ।"
" कुंग बेटा , तुम शायद आज की दुनियाँ से बेखबर हो । केवल गुण संपन्न होना ही काफी नहीं है -अपने गुण दुनियाँ के सामने पेश करने के हथकण्डों में भी शातिर होना चाहिए । हर फन का यही उसूल है । हमारे साहित्यिक जगत में भी चंदा, चाटुकारिता, भोज ,संपर्क आदि साहित्यिक योगदान से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है तभी तो हमारे गाँव का चाँग लुई, जिसका साहित्यिक योगदान सरकार के लिये कुछ नारे लिखने तक सीमित रहा है, चीन के सर्वोच्च साहित्यिक पुरस्कार च्वान से सम्मानित हो गया । इसलिये बेटा ,केवल शक्तिशाली होकर कोने में पड़े रहने से तुम्हें कोई नहीं जानेगा । तुम्हें स्वयं को विश्व में प्रचारित करना होगा । "
" कैसे चाचा, बताइये न क्या करूं ?"
" तुम अब बिल्कुल चिंता मत करो। तुम भाग्यशाली हो कि मुझसे तुम्हारी मुलाकात हो गयी । तुम परसों मेरे साथ चलो मैं तुम्हें शंघाई ले जाऊँगा । वहाँ से चीन और सारे विश्व के द्वार तुम्हारे लिये अपनी शक्ति प्रदर्शन के लिये खुले होंगे ।" पिंग बोले ।
"जी बहुत अच्छा ।मैं तैय्यार हूं ।"
" पर सुनो।कुंग ची कोरोना जैसा लम्बा नाम सफलता में बाधक है । आज से तुम दुनियाँ के लिये केवल कोरोना हो । समझे ।"
दो दिन पश्चात ली पिंग ने कोरोना को शंघाई एयरपोर्ट पर छोड़ दिया ।
"कोरोना बेटे । यहाँ से तुम विश्व भ्रमण पर अपनी शक्ति दिखाने निकल जाओ ।"
"ठीक है चाचा । लेकिन एक बात सुनो। मैं नही चाहता कि मेरे विश्व प्रसिद्ध होने का श्रेय मेरे अतिरिक्त किसी और को मिले । तुम्हारे माधयम से चीन में तथा अन्य जगहों पर भी लोग मेरी शक्ति का लोहा मानेंगे पर मुझे दुःख है कि यह देखने के लिये और दुनियाँ को मेरी कहानी सुनाने के लिये तुम अब जीवित नहीं बचोगे । "
और सचमुच ली पिंग की तीन दिन बाद मृत्यु हो गयी तथा उनके बताये हुए रास्ते पर चलकर शीघ्र ही दुनियाँ कोरोना की शक्ति के आगे नतमस्तक हो गयी ।
-ओंम प्रकाश नौटियाल ,बडौदा , मोबा. 9427345810
(सर्वाधिकार सुरक्षित )
Friday, March 13, 2020
Tuesday, March 10, 2020
विधायकी
विधायकी कितनी मुश्किल हो गयी है आजकल । हर वक्त सूट केस लेकर तैय्यार रहना पड़ता है पता नहीं कब, शार्ट नोटिस पर, बस में बैठकर किसी अनजाने रिसौर्ट या होटल में, अनिश्चित अवधि के लिये सरकार भंजन अथवा सर्जन की गैर सरकारी ड्यूटी पर जाना पड़ जाए ।
Thursday, March 5, 2020
Sunday, March 1, 2020
Monday, February 24, 2020
Thursday, February 13, 2020
Wednesday, February 12, 2020
Thursday, February 6, 2020
Saturday, February 1, 2020
बजट बाम !!
घिसते पिसते जी रहे , मिल न सका आराम
पीर ’ओंम’ की बढ़ गयी , लेप बजट का बाम !
-ओंम प्रकाश नौटियाल
पीर ’ओंम’ की बढ़ गयी , लेप बजट का बाम !
-ओंम प्रकाश नौटियाल
Wednesday, January 29, 2020
अफवाहें
कृपया देश हित में उनकी अफवाहों से दूर रहें । केवल हमारे विशेषज्ञों द्वारा झूठ की चाशनी में पकाई गयी विश्वसनीय सी दिखने वाली अफवाहें ही पढें, सुने और फैलायें ।
Sunday, January 26, 2020
देश प्रेम रसधार
देश प्रेम रसधार का, अमृत पियें हर वक्त
मैल हृदय का दूर कर , शुद्ध करेगा रक्त !!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
मैल हृदय का दूर कर , शुद्ध करेगा रक्त !!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
Saturday, January 25, 2020
Thursday, January 23, 2020
आजादी
- ओंम प्रकाश नौटियाल
आजादी का अर्थ
नहीं केवल
खुली हवा में श्वास,
बेलगाम बकवास,
अभद्र हास परिहास,
कोटि जनों के कष्टों से
कुछ का विकास,
नैतिकता का निरंतर ह्वास,
आजादी तो सापेक्षिक है
परिस्थिति जन्य है
व्यक्ति कभी आजाद है
जेल से रिहाई पर
और कभी
शयन कक्ष
अथवा शौचालय में
द्वार भीतर से
बंद करने के पश्चात,
किसी अन्य की आजादी की
जहाँ न शह लग सके
न हो सके मात !!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
बड़ौदा,गुजरात,मोबा.9427345810अफवाहें
-ओंम प्रकाश नौटियाल
देश हित में कृपया
ध्यान न दें तनिक भी
सच्ची, तथ्यपूर्ण
बातों पर
जो केवल
विपक्षी अफवाहें
हैं,
बस भरोसा करें
’विश्वसनीय’ पैक में
परोसी गयी
हमारी रोचक, समसामयिक
इतिहास परिवर्ती
अफवाहों पर
केवल इन्हें ही
पढें ,सुने
,सुनाये
फैलाये और
जन चेतना भरमायें
और राष्ट्र प्रेम में
जी भर नहायें
शुभकामनाएं !!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
बड़ौदा,गुजरात,मोबा.9427345810सहमा सा सच
-ओंम प्रकाश नौटियाल
सच
कितना एकाकी है
सहमा सहमा सा
कोने में
दुबका
कभी कभार
आना भी चाहे बाहर
तो पड़ती है दुत्कार
देखने सुनने तक को
नहीं होता
कोई तैय्यार,
और झूठ
तकनीक के पंखों पर
प्रचार के कंधों पर
करता है विश्व भ्रमण
उसकी आभा से
होकर भ्रमित
सब स्वीकारते हैं
हँस हँस करते हैं ग्रहण
अंततः सच भी
हारा मनमारा
सा
करने लगता है
उसी को नमन !!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
बड़ौदा,गुजरात,मोबा.9427345810Tuesday, January 14, 2020
पतंग !
पोंगल, लोढी, संक्रांति, बिहु के अपने रंग
इनके रंगो से सजी इठला रही पतंग,
जनता सेवा के लिये, देख धरा पर जंग
हवा बदलने को चली, अंबर ओर पतंग !
-ओंम प्रकाश नौटियाल
इनके रंगो से सजी इठला रही पतंग,
जनता सेवा के लिये, देख धरा पर जंग
हवा बदलने को चली, अंबर ओर पतंग !
-ओंम प्रकाश नौटियाल
Sunday, January 12, 2020
Saturday, January 4, 2020
Tuesday, December 31, 2019
Sunday, December 29, 2019
Friday, December 27, 2019
Tuesday, December 24, 2019
पाखण्ड़
अधिक दिनों तक कब चले ,झूठ और पाखण्ड़
दिग्गजों का घमण्ड़ भी , होते देखा झंड़ !!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
दिग्गजों का घमण्ड़ भी , होते देखा झंड़ !!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
Sunday, December 22, 2019
Saturday, December 21, 2019
सत्ता की शतरंज !!
ताने चाहे मारिए , करते रहिए तंज
चाल सदा टेढ़ी चले, सत्ता की शतरंज !!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
चाल सदा टेढ़ी चले, सत्ता की शतरंज !!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
खून का रिश्ता
किसी को दिल मिला है चोट खाकर टूट जाने को,
किसी का साथ था कुछ दूर जाकर छूट जाने को,
एक पत्थर का इस सर से निकला खून का रिश्ता
मिला पुरजोर प्रेम का फव्वारा फूट जाने को !!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
(पूर्व प्रकाशित-सर्वाधिकार सुरक्षित)
किसी का साथ था कुछ दूर जाकर छूट जाने को,
एक पत्थर का इस सर से निकला खून का रिश्ता
मिला पुरजोर प्रेम का फव्वारा फूट जाने को !!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
(पूर्व प्रकाशित-सर्वाधिकार सुरक्षित)
Friday, December 6, 2019
प्याज लाओ तुम !!
मँहगाई को रोने से, जरा अब बाज आओ तुम,
पत्नी की मुश्किल का भी ,तनिक तो राज पाओ तुम,
यह कहना छोड़ दो अब कि, तुम्हारी जेब खाली है,
बैंक जाकर के कर्ज लो , शीघ्र फिर प्याज लाओ तुम !!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
पत्नी की मुश्किल का भी ,तनिक तो राज पाओ तुम,
यह कहना छोड़ दो अब कि, तुम्हारी जेब खाली है,
बैंक जाकर के कर्ज लो , शीघ्र फिर प्याज लाओ तुम !!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
Thursday, December 5, 2019
तेरी दिवानी
मोहब्बत में तेरी दिवानी, ऐ प्याज आज भी हूँ,
चाकू चले जो तुझ पर, बहाती आँसू आज भी हूँ,
पर दाम लगा रहा जो, तू आने के मेरे दर पे
दुखी उनसे कल बहुत थी ,’ओंम’ दुखी मैं आज भी हूँ !
ओंम प्रकाश नौटियाल
(सर्वाधिकार सुरक्षित)
चाकू चले जो तुझ पर, बहाती आँसू आज भी हूँ,
पर दाम लगा रहा जो, तू आने के मेरे दर पे
दुखी उनसे कल बहुत थी ,’ओंम’ दुखी मैं आज भी हूँ !
ओंम प्रकाश नौटियाल
(सर्वाधिकार सुरक्षित)
Wednesday, December 4, 2019
"किसकी मजाल जो हमें टोपी पहना सके .."
प्राप्त समाचारों के अनुसार गुजरात सरकार ने चार दिसम्बर 2019 को हुई मंत्रिमंड़ल की एक महत्वपूर्ण बैठक में ,केन्द्र सरकार द्वारा बनाये गये नये परिवहन कानून से छूट लेते हुए , गुजरात में हेलमेट की अनिवार्यता को महानगर पालिका और नगर पालिका क्षेत्रों में फिलहाल समाप्त कर उसे एच्छिक कर दिया है।
सरकार के अनुसार उसके इस निर्णय के पीछे लोगों द्वारा हेलमेट के विरोध में दिये गये जान से भी प्यारे अनेकों कारणों का सम्मान करना है जिनमें कुछ इस प्रकार हैं:
1.विवाह समारोह आदि में भाग लेने जाते समय हेलमेट से मेकअप और हेयर स्टायल बिगड़ जाता है ।
2.श्मशान यात्रा व शोक प्रकट करने जाते वक्त हेलमेट हाथ में पकड़े रहना बड़ा अटपटा और अवसर के प्रतिकूल लगता है।
3.अन्य वाहनों के हार्न की आवाज ठीक से सुनने में यह बाधक है ।
4.सोशल मीडिया पर हेलमेट के विरोध में बहुत लोग आवाज उठा रहे हैं ।
5.गर्मी के मौसम में, मार्च से सितम्बर तक, हेलमेट असह्य है ।
बताया गया है कि पिछले एक वर्ष में ही गुजरात में दो पहिया वाहनों से हुई दुर्घटनाओं में पाँच सौ से अधिक लोग मारे गये है जिनमें से अधिकांश लोग बच सकते थे यदि हेलमेट पहना हुआ होता ।
किंतु संवेदनशील सरकार ने इन आँकड़ों को नजरांदाज करते हुए और केवल अपनी प्यारी की भावनाओं का संज्ञान लेते हुए उन्हें हेलमेट से छूट देने का महत्वपूर्ण निर्णय ले लिया ।वैसे भी जीवन डोर तो ऊपर वाले के हाथ में है हेलमेट कहाँ से बीच में आता है।
सचमुच, सरकारें जनता को उनकी जान से भी ज्यादा चाहती हैं !!!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
सरकार के अनुसार उसके इस निर्णय के पीछे लोगों द्वारा हेलमेट के विरोध में दिये गये जान से भी प्यारे अनेकों कारणों का सम्मान करना है जिनमें कुछ इस प्रकार हैं:
1.विवाह समारोह आदि में भाग लेने जाते समय हेलमेट से मेकअप और हेयर स्टायल बिगड़ जाता है ।
2.श्मशान यात्रा व शोक प्रकट करने जाते वक्त हेलमेट हाथ में पकड़े रहना बड़ा अटपटा और अवसर के प्रतिकूल लगता है।
3.अन्य वाहनों के हार्न की आवाज ठीक से सुनने में यह बाधक है ।
4.सोशल मीडिया पर हेलमेट के विरोध में बहुत लोग आवाज उठा रहे हैं ।
5.गर्मी के मौसम में, मार्च से सितम्बर तक, हेलमेट असह्य है ।
बताया गया है कि पिछले एक वर्ष में ही गुजरात में दो पहिया वाहनों से हुई दुर्घटनाओं में पाँच सौ से अधिक लोग मारे गये है जिनमें से अधिकांश लोग बच सकते थे यदि हेलमेट पहना हुआ होता ।
किंतु संवेदनशील सरकार ने इन आँकड़ों को नजरांदाज करते हुए और केवल अपनी प्यारी की भावनाओं का संज्ञान लेते हुए उन्हें हेलमेट से छूट देने का महत्वपूर्ण निर्णय ले लिया ।वैसे भी जीवन डोर तो ऊपर वाले के हाथ में है हेलमेट कहाँ से बीच में आता है।
सचमुच, सरकारें जनता को उनकी जान से भी ज्यादा चाहती हैं !!!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
Sunday, December 1, 2019
Thursday, November 28, 2019
"भरपेट भोजन मिल गया तो भाग्य मानों जग गये .."
"भरपेट भोजन मिल गया तो भाग्य मानों जग गये .."
यदि सोच और कार्यान्वयन सही हो तो कम को भी अधिक बनाकर बहुत से लोगों को संतुष्ट और प्रसन्न किया जा सकता है ।टाइम्स नाव में प्रसारित समाचार के अनुसार उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में एक प्राइमरी स्कूल में मिड़ डे मील योजना के अंतर्गत एक लीटर दूध में एक बकेट पानी मिलाकर 81 बच्चों को तृप्त किया गया ।इससे पहले भी मिर्जापुर से रोटी के साथ नमक परोस कर बच्चों को भरपेट भोजन करवाने के समाचार आते रहे हैं ।भरपेट खाइये और गाना गाइये:
".. ज्यादा की नहीं लालच हमको थोड़े में गुजारा होता है ... "
-ओंम
यदि सोच और कार्यान्वयन सही हो तो कम को भी अधिक बनाकर बहुत से लोगों को संतुष्ट और प्रसन्न किया जा सकता है ।टाइम्स नाव में प्रसारित समाचार के अनुसार उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में एक प्राइमरी स्कूल में मिड़ डे मील योजना के अंतर्गत एक लीटर दूध में एक बकेट पानी मिलाकर 81 बच्चों को तृप्त किया गया ।इससे पहले भी मिर्जापुर से रोटी के साथ नमक परोस कर बच्चों को भरपेट भोजन करवाने के समाचार आते रहे हैं ।भरपेट खाइये और गाना गाइये:
".. ज्यादा की नहीं लालच हमको थोड़े में गुजारा होता है ... "
-ओंम
Wednesday, November 27, 2019
ऊब न हमें पसंद
अच्छे दिन आकर गये, चला गया आनंद
नव खेल हो शीघ्र शुरू,ऊब न हमें पसंद !!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
नव खेल हो शीघ्र शुरू,ऊब न हमें पसंद !!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
Monday, November 25, 2019
Sunday, November 24, 2019
सच्चा सन्यासी
सच्चा सन्यासी तजे , अपने चाचा, बाप
कुर्सी पर बस ध्यान रख, करता उस का जाप !!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
कुर्सी पर बस ध्यान रख, करता उस का जाप !!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
Thursday, November 21, 2019
"मलाईदार विभाग "
गठबंधन सरकार के घटक दल सरकार में शामिल होने के लिये अकसर मंत्री मंड़ल में अपने लिये विशेष विभाग पाने के लिये दबाव की नीति अपनाते देखे जाते हैं । विभाग विशेष में हासिल अपनी काल्पनिक विशेषज्ञता का सदुपयोग करने की नीयत और उस विभाग के माध्यम से जनता की पुरजोर प्रभावी सेवा करने की उनकी निस्वार्थ ललक सचमुच प्रशंसनीय है । दुःख केवल इसी बात का है कि ऐसे विभागों की संख्या शायद कम है जिनमें जनसेवा के लिये प्रेरित करने का प्रबल आकर्षण हो। जनता को समझना चाहिए कि चमकदार सेवा पाने के लिये सेवक की कुर्सी रत्नजड़ित होना भी आवश्यक है और उनके चयनित प्रतिनिधि इसी बात को ध्यान में रखते हुए उनके लिये ऐसे विभाग के लिये संघर्ष करते हैं जिसे कुछ ईर्ष्यालु सिरफिरे "मलाईदार विभाग " पाने की लड़ाई बताकर उन्हें बदनाम करते हैं।
-ओंम प्रकाश नौटियाल
-ओंम प्रकाश नौटियाल
Wednesday, November 20, 2019
Tuesday, November 19, 2019
जहर जहर को मारता है !!
चुनाव से ठीक पहले हवा पानी दोनों इस कदर जहरीले हो जाते हैं कि नेताओं को बेचारी जनता के स्वास्थ्य की चिंता पागल करने लगती है । विषाक्त वाणी बाणों के आदान प्रदान से हवा पानी में घुला जहर और उग्र रूप ले लेता है, नेताओं को हर पल यही डर सताने लगता है कि इतना विषैला पानी पी रहे लोग, पता नहीं, मतदान तक जीवित रहेंगे भी या नहीं । किंतु शुक्र है चुनाव के बाद सब कुछ, बिना कुछ किये, अगले चुनाव तक के लिये ठीक हो जाता है । अकसर तो एक दूसरे के विरूद्ध गरल उगलकर हवा पानी विषाक्त करने वाले नेता लोग, विष प्रभावहीन करने के लिये अपने विष को उनके विष से मिलाते हैं ,और आपसी गठजोड़ से सरकार बनाकर जल वायु समेत सभी दोष ठीक कर देते हैं ।
-ओंम प्रकाश नौटियाल
-ओंम प्रकाश नौटियाल
Monday, November 11, 2019
डेंगू पर नयी शोध
डेंगू ऐसी खतरनाक समदर्शी बिमारी है जो अमीर गरीब में अंतर किये बिना सभी को अपनी चपेट में ले सकती है । अभी तक लोग सिर्फ एडिज मच्छर को ही इसके लिये दोष देते रहे हैं किंतु प्राप्त समाचारों के अनुसार मैड्रिड में स्पेन के स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गयी खोज के अनुसार डेंगू से संक्रमित किसी व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध बनाने से भी डेंगू हो सकता है ।यह खोज बेचारे डेंगू पीडितों पर दोहरी मार की तरह होगी - एक तो खतरनाक बिमारी से जूझना और फिर मच्छर द्वारा दिये गये चरित्र प्रमाण पत्र को लोगों का संदेह की द्दष्टि से देखना ।
-ओंम प्रकाश नौटियाल
-ओंम प्रकाश नौटियाल
Sunday, November 10, 2019
मँहगाइ का नायक
गगन छू रहे भाव में , प्याज और विधायक
चुनना अति कठिन इनमें, मँहगाइ का नायक !
-ओंम प्रकाश नौटियाल
चुनना अति कठिन इनमें, मँहगाइ का नायक !
-ओंम प्रकाश नौटियाल
Friday, November 8, 2019
लघुकथा -बेरोजगारी
"पाँय लागूं ताऊ, कैसा है ?"
"ठीक हूँ बेटा , तू सुना , आजकल तो यहीं दिक्खे तू , पहले तो कई कई दिनों तक बाहर ही रहे था "
" क्या बताऊँ ताऊ बस यूं समझ ले बेरोजगार हो गया " बिरू ने निराश स्वर में जवाब दिया ।
" क्या हुआ, तू तो कहे था तेरा अपना धंधा है "
"बस ताऊ ,अपने ही धंधे में ठाली हो गये "
" क्यूं क्या हुआ ?’
" अरे ताऊ , हर धंधे में होड़ इतनी बढ़ गयी कि गुजर मुश्किल हो गयी "
"तेरा ऐसा कौन सा धंधा था ?"
"अब तो धंधा बंद सा हो गया तो बताने में हर्ज भी ना है । बस आस पास के शहरों में जाकर बैंक डकैती कर लेंवे थे फिर पुलिस से बचने को कुछ दिन कहीं दूर जा मौज मस्ती करके आ जावें थे.. ।"
"अरे बाप रे, तो अब क्या हो गया " ताऊ की उत्सुकता चरम सीमा पर थी
"अरे ताऊ , अब तो बैंक के अंदर काम करने वाले ही इतनी बड़ी बड़ी ड़कैती मारने लगे कि म्हारे जैसों के हाथ ही कुछ न लगे "
"हाँ बेटा , सुनु तो हूँ खबरों में कि बैंक के कारिन्दे बैंक के पैसे को अपना समझ कर धड़ल्ले से लूटरे ,चल कोई ना, लूट खसोट के धंधों की कमी थोड़े ना, और मिल जांगे "
"बस ताऊ, तेरा अशीष चहिए " कह कर बिरू मंदिर की तरफ़ बढ़ गया
-ओंम प्रकाश नौटियाल
"ठीक हूँ बेटा , तू सुना , आजकल तो यहीं दिक्खे तू , पहले तो कई कई दिनों तक बाहर ही रहे था "
" क्या बताऊँ ताऊ बस यूं समझ ले बेरोजगार हो गया " बिरू ने निराश स्वर में जवाब दिया ।
" क्या हुआ, तू तो कहे था तेरा अपना धंधा है "
"बस ताऊ ,अपने ही धंधे में ठाली हो गये "
" क्यूं क्या हुआ ?’
" अरे ताऊ , हर धंधे में होड़ इतनी बढ़ गयी कि गुजर मुश्किल हो गयी "
"तेरा ऐसा कौन सा धंधा था ?"
"अब तो धंधा बंद सा हो गया तो बताने में हर्ज भी ना है । बस आस पास के शहरों में जाकर बैंक डकैती कर लेंवे थे फिर पुलिस से बचने को कुछ दिन कहीं दूर जा मौज मस्ती करके आ जावें थे.. ।"
"अरे बाप रे, तो अब क्या हो गया " ताऊ की उत्सुकता चरम सीमा पर थी
"अरे ताऊ , अब तो बैंक के अंदर काम करने वाले ही इतनी बड़ी बड़ी ड़कैती मारने लगे कि म्हारे जैसों के हाथ ही कुछ न लगे "
"हाँ बेटा , सुनु तो हूँ खबरों में कि बैंक के कारिन्दे बैंक के पैसे को अपना समझ कर धड़ल्ले से लूटरे ,चल कोई ना, लूट खसोट के धंधों की कमी थोड़े ना, और मिल जांगे "
"बस ताऊ, तेरा अशीष चहिए " कह कर बिरू मंदिर की तरफ़ बढ़ गया
-ओंम प्रकाश नौटियाल
Wednesday, November 6, 2019
Tuesday, November 5, 2019
रक्षक
रक्षक हैं कानून के ,खाकी, काला कोट
दोनों मिल जनतंत्र का, गला रहे हैं घोट !!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
दोनों मिल जनतंत्र का, गला रहे हैं घोट !!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
Monday, November 4, 2019
Saturday, October 26, 2019
Thursday, October 17, 2019
Monday, October 7, 2019
Sunday, October 6, 2019
Saturday, October 5, 2019
Tuesday, October 1, 2019
Saturday, September 28, 2019
नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं !!
आद्य शक्ति माँ पूज्य का, पर्व शुरू नवरात्र
गरबे ही गरबे सजे, खिले खिले सब पात्र
भक्तों का ताँता लगा , मंदिर मठ चौपाल
खैलेय्या तैय्यार हैं , कजरा गजरा डाल !
-ओंम प्रकाश नौटियाल
Friday, September 20, 2019
Wednesday, September 4, 2019
Tuesday, September 3, 2019
Sunday, September 1, 2019
Tuesday, August 27, 2019
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