मोहब्बत में तेरी दिवानी, ऐ प्याज आज भी हूँ,
चाकू चले जो तुझ पर, बहाती आँसू आज भी हूँ,
पर दाम लगा रहा जो, तू आने के मेरे दर पे
दुखी उनसे कल बहुत थी ,’ओंम’ दुखी मैं आज भी हूँ !
ओंम प्रकाश नौटियाल
(सर्वाधिकार सुरक्षित)
चाकू चले जो तुझ पर, बहाती आँसू आज भी हूँ,
पर दाम लगा रहा जो, तू आने के मेरे दर पे
दुखी उनसे कल बहुत थी ,’ओंम’ दुखी मैं आज भी हूँ !
ओंम प्रकाश नौटियाल
(सर्वाधिकार सुरक्षित)
No comments:
Post a Comment