पोंगल, लोढी, संक्रांति, बिहु के अपने रंग
इनके रंगो से सजी इठला रही पतंग,
जनता सेवा के लिये, देख धरा पर जंग
हवा बदलने को चली, अंबर ओर पतंग !
-ओंम प्रकाश नौटियाल
इनके रंगो से सजी इठला रही पतंग,
जनता सेवा के लिये, देख धरा पर जंग
हवा बदलने को चली, अंबर ओर पतंग !
-ओंम प्रकाश नौटियाल
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