काठ का है जी-ओंम प्रकाश नौटियाल
हम तो आम जनता हैं
शरीर काठ का है जी
दर्द तनिक नहीं होता
गुजरती ठाठ से है जी
-1-
वो करेंगे रखवाली
जिनका बदन सोने का
नींद उनकी उडती है
जिन्हे डर है खोने का
वह बोतल से पीते हैं
यहाँ जल घाट का है जी
-2-
बुढापे में वह जवान
मुँह पर क्रीम की पर्तें
बड़ा दमदार हाजमा
वह क्या क्या नहीं चरते
पर अपना तो बचपन भी
शुरू से साठ का है जी
-3-
उनका धँधा ऐसा है
बस चाँदी बरसती है
हमारी आय देखकर
रोटी भी तरसती है
श्रीमान का पहाड़ा भी
दो दुनी आठ का है जी
हम तो आम जनता हैं
शरीर काठ का है जी
-ओंम प्रकाश नौटियाल, बड़ौदा , मोबा.9427345810
हम तो आम जनता हैं
शरीर काठ का है जी
दर्द तनिक नहीं होता
गुजरती ठाठ से है जी
-1-
वो करेंगे रखवाली
जिनका बदन सोने का
नींद उनकी उडती है
जिन्हे डर है खोने का
वह बोतल से पीते हैं
यहाँ जल घाट का है जी
-2-
बुढापे में वह जवान
मुँह पर क्रीम की पर्तें
बड़ा दमदार हाजमा
वह क्या क्या नहीं चरते
पर अपना तो बचपन भी
शुरू से साठ का है जी
-3-
उनका धँधा ऐसा है
बस चाँदी बरसती है
हमारी आय देखकर
रोटी भी तरसती है
श्रीमान का पहाड़ा भी
दो दुनी आठ का है जी
हम तो आम जनता हैं
शरीर काठ का है जी
-ओंम प्रकाश नौटियाल, बड़ौदा , मोबा.9427345810
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