Friday, April 27, 2018

तेरा गगन मेरा गगन-

तेरा गगन मेरा गगन-ओंम प्रकाश नौटियाल

कितना उदास आज है
तेरा गगन मेरा गगन
खगों से भी विरान है
तेरा गगन मेरा गगन

नीरवता के शोर में
है मन अजब बेचैन सा
सिसकी की भेंट चढ गया
तेरा अमन मेरा अमन

पुष्पित कभी जहाँ हुए
प्रेम के महके सुमन
कैसे हुआ उजाड़ अब
तेरा चमन मेरा चमन

लिखे जो प्रेम गीत थे
दिल के रक्तिम रंग से
बदरंग उनको कर गया
तेरा वहम मेरा वहम

मुँह पर न अब हँसी रही
शत शूल में फँसी रही
दोनों के लब सिल गया
तेरा अहम मेरा अहम

देखा किये विस्तृत नभ
नीम तले इक छोर से
नीम ही कर गया अलग
तेरा सहन मेरा सहन

-ओंम प्रकाश नौटियाल, बड़ौदा , मोबा.9427345810

No comments:

Post a Comment