-ओंम प्रकाश नौटियाल
भोले बाबा, तरस खाओ
पसीजो तुम, जरा सुन लो,
हम भक्तों के सवालों को,
प्रलयंकर ! हो अब बम बम बम,
बजे डमरू डमा डम डम,
हो छ्म छ्म छ्म, छ्मा छ्म छ्म
रमालो भस्म, जटा खोलो,
झटक दो अपने बालों को,
बहुत कुछ सह लिया तुमने,
हलाहल पी लिया तुमने,
ध्वस्त कर दो न देरी हो,
पापियों की कुचालों को,
कालरात्रि का लाग है,
तन मन में एक आग है,
तन तान्डव में तन्मय,
उठो खोलो नयन तीजा,
भस्म अब तो कर दो
घोटाला करने वालों को,
घोटालों के दलालों को,
जय जय मेरे शंकर,
नीलकंठ, प्रलयंकर !
पसीजो तुम , तरस खाओ
बचा लो अपने भक्तों के
मुंह से छीने निवालों को,
उनके अगले सालों को ,
तन तान्डव में करो तन्मय,
उठो खोलो नयन तीजा,
भस्म अब तो कर दो ,
घोटाला करने वालों को,
घोटालों के दलालों को ।
(सर्वाधिकार सुरक्षित)
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Ththastu!!!...khud hi se khuda bana hai...khud hi ko khuda bana lo...
ReplyDeleteसुंदर ...आपको महाशिवरात्रि की हार्दिक मंगलकामनाएं
ReplyDeleteHindi ke sahitya ko aap jaise logon ki bahut zaroorat hai . Lage rahiye !
ReplyDeleteधन्यवाद अतुल जी,चैतन्य जी एवं अनाम भाई ।
ReplyDelete