Tuesday, December 31, 2019
Sunday, December 29, 2019
Friday, December 27, 2019
Tuesday, December 24, 2019
पाखण्ड़
अधिक दिनों तक कब चले ,झूठ और पाखण्ड़
दिग्गजों का घमण्ड़ भी , होते देखा झंड़ !!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
दिग्गजों का घमण्ड़ भी , होते देखा झंड़ !!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
Sunday, December 22, 2019
Saturday, December 21, 2019
सत्ता की शतरंज !!
ताने चाहे मारिए , करते रहिए तंज
चाल सदा टेढ़ी चले, सत्ता की शतरंज !!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
चाल सदा टेढ़ी चले, सत्ता की शतरंज !!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
खून का रिश्ता
किसी को दिल मिला है चोट खाकर टूट जाने को,
किसी का साथ था कुछ दूर जाकर छूट जाने को,
एक पत्थर का इस सर से निकला खून का रिश्ता
मिला पुरजोर प्रेम का फव्वारा फूट जाने को !!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
(पूर्व प्रकाशित-सर्वाधिकार सुरक्षित)
किसी का साथ था कुछ दूर जाकर छूट जाने को,
एक पत्थर का इस सर से निकला खून का रिश्ता
मिला पुरजोर प्रेम का फव्वारा फूट जाने को !!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
(पूर्व प्रकाशित-सर्वाधिकार सुरक्षित)
Friday, December 6, 2019
प्याज लाओ तुम !!
मँहगाई को रोने से, जरा अब बाज आओ तुम,
पत्नी की मुश्किल का भी ,तनिक तो राज पाओ तुम,
यह कहना छोड़ दो अब कि, तुम्हारी जेब खाली है,
बैंक जाकर के कर्ज लो , शीघ्र फिर प्याज लाओ तुम !!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
पत्नी की मुश्किल का भी ,तनिक तो राज पाओ तुम,
यह कहना छोड़ दो अब कि, तुम्हारी जेब खाली है,
बैंक जाकर के कर्ज लो , शीघ्र फिर प्याज लाओ तुम !!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
Thursday, December 5, 2019
तेरी दिवानी
मोहब्बत में तेरी दिवानी, ऐ प्याज आज भी हूँ,
चाकू चले जो तुझ पर, बहाती आँसू आज भी हूँ,
पर दाम लगा रहा जो, तू आने के मेरे दर पे
दुखी उनसे कल बहुत थी ,’ओंम’ दुखी मैं आज भी हूँ !
ओंम प्रकाश नौटियाल
(सर्वाधिकार सुरक्षित)
चाकू चले जो तुझ पर, बहाती आँसू आज भी हूँ,
पर दाम लगा रहा जो, तू आने के मेरे दर पे
दुखी उनसे कल बहुत थी ,’ओंम’ दुखी मैं आज भी हूँ !
ओंम प्रकाश नौटियाल
(सर्वाधिकार सुरक्षित)
Wednesday, December 4, 2019
"किसकी मजाल जो हमें टोपी पहना सके .."
प्राप्त समाचारों के अनुसार गुजरात सरकार ने चार दिसम्बर 2019 को हुई मंत्रिमंड़ल की एक महत्वपूर्ण बैठक में ,केन्द्र सरकार द्वारा बनाये गये नये परिवहन कानून से छूट लेते हुए , गुजरात में हेलमेट की अनिवार्यता को महानगर पालिका और नगर पालिका क्षेत्रों में फिलहाल समाप्त कर उसे एच्छिक कर दिया है।
सरकार के अनुसार उसके इस निर्णय के पीछे लोगों द्वारा हेलमेट के विरोध में दिये गये जान से भी प्यारे अनेकों कारणों का सम्मान करना है जिनमें कुछ इस प्रकार हैं:
1.विवाह समारोह आदि में भाग लेने जाते समय हेलमेट से मेकअप और हेयर स्टायल बिगड़ जाता है ।
2.श्मशान यात्रा व शोक प्रकट करने जाते वक्त हेलमेट हाथ में पकड़े रहना बड़ा अटपटा और अवसर के प्रतिकूल लगता है।
3.अन्य वाहनों के हार्न की आवाज ठीक से सुनने में यह बाधक है ।
4.सोशल मीडिया पर हेलमेट के विरोध में बहुत लोग आवाज उठा रहे हैं ।
5.गर्मी के मौसम में, मार्च से सितम्बर तक, हेलमेट असह्य है ।
बताया गया है कि पिछले एक वर्ष में ही गुजरात में दो पहिया वाहनों से हुई दुर्घटनाओं में पाँच सौ से अधिक लोग मारे गये है जिनमें से अधिकांश लोग बच सकते थे यदि हेलमेट पहना हुआ होता ।
किंतु संवेदनशील सरकार ने इन आँकड़ों को नजरांदाज करते हुए और केवल अपनी प्यारी की भावनाओं का संज्ञान लेते हुए उन्हें हेलमेट से छूट देने का महत्वपूर्ण निर्णय ले लिया ।वैसे भी जीवन डोर तो ऊपर वाले के हाथ में है हेलमेट कहाँ से बीच में आता है।
सचमुच, सरकारें जनता को उनकी जान से भी ज्यादा चाहती हैं !!!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
सरकार के अनुसार उसके इस निर्णय के पीछे लोगों द्वारा हेलमेट के विरोध में दिये गये जान से भी प्यारे अनेकों कारणों का सम्मान करना है जिनमें कुछ इस प्रकार हैं:
1.विवाह समारोह आदि में भाग लेने जाते समय हेलमेट से मेकअप और हेयर स्टायल बिगड़ जाता है ।
2.श्मशान यात्रा व शोक प्रकट करने जाते वक्त हेलमेट हाथ में पकड़े रहना बड़ा अटपटा और अवसर के प्रतिकूल लगता है।
3.अन्य वाहनों के हार्न की आवाज ठीक से सुनने में यह बाधक है ।
4.सोशल मीडिया पर हेलमेट के विरोध में बहुत लोग आवाज उठा रहे हैं ।
5.गर्मी के मौसम में, मार्च से सितम्बर तक, हेलमेट असह्य है ।
बताया गया है कि पिछले एक वर्ष में ही गुजरात में दो पहिया वाहनों से हुई दुर्घटनाओं में पाँच सौ से अधिक लोग मारे गये है जिनमें से अधिकांश लोग बच सकते थे यदि हेलमेट पहना हुआ होता ।
किंतु संवेदनशील सरकार ने इन आँकड़ों को नजरांदाज करते हुए और केवल अपनी प्यारी की भावनाओं का संज्ञान लेते हुए उन्हें हेलमेट से छूट देने का महत्वपूर्ण निर्णय ले लिया ।वैसे भी जीवन डोर तो ऊपर वाले के हाथ में है हेलमेट कहाँ से बीच में आता है।
सचमुच, सरकारें जनता को उनकी जान से भी ज्यादा चाहती हैं !!!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
Sunday, December 1, 2019
Thursday, November 28, 2019
"भरपेट भोजन मिल गया तो भाग्य मानों जग गये .."
"भरपेट भोजन मिल गया तो भाग्य मानों जग गये .."
यदि सोच और कार्यान्वयन सही हो तो कम को भी अधिक बनाकर बहुत से लोगों को संतुष्ट और प्रसन्न किया जा सकता है ।टाइम्स नाव में प्रसारित समाचार के अनुसार उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में एक प्राइमरी स्कूल में मिड़ डे मील योजना के अंतर्गत एक लीटर दूध में एक बकेट पानी मिलाकर 81 बच्चों को तृप्त किया गया ।इससे पहले भी मिर्जापुर से रोटी के साथ नमक परोस कर बच्चों को भरपेट भोजन करवाने के समाचार आते रहे हैं ।भरपेट खाइये और गाना गाइये:
".. ज्यादा की नहीं लालच हमको थोड़े में गुजारा होता है ... "
-ओंम
यदि सोच और कार्यान्वयन सही हो तो कम को भी अधिक बनाकर बहुत से लोगों को संतुष्ट और प्रसन्न किया जा सकता है ।टाइम्स नाव में प्रसारित समाचार के अनुसार उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में एक प्राइमरी स्कूल में मिड़ डे मील योजना के अंतर्गत एक लीटर दूध में एक बकेट पानी मिलाकर 81 बच्चों को तृप्त किया गया ।इससे पहले भी मिर्जापुर से रोटी के साथ नमक परोस कर बच्चों को भरपेट भोजन करवाने के समाचार आते रहे हैं ।भरपेट खाइये और गाना गाइये:
".. ज्यादा की नहीं लालच हमको थोड़े में गुजारा होता है ... "
-ओंम
Wednesday, November 27, 2019
ऊब न हमें पसंद
अच्छे दिन आकर गये, चला गया आनंद
नव खेल हो शीघ्र शुरू,ऊब न हमें पसंद !!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
नव खेल हो शीघ्र शुरू,ऊब न हमें पसंद !!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
Monday, November 25, 2019
Sunday, November 24, 2019
सच्चा सन्यासी
सच्चा सन्यासी तजे , अपने चाचा, बाप
कुर्सी पर बस ध्यान रख, करता उस का जाप !!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
कुर्सी पर बस ध्यान रख, करता उस का जाप !!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
Thursday, November 21, 2019
"मलाईदार विभाग "
गठबंधन सरकार के घटक दल सरकार में शामिल होने के लिये अकसर मंत्री मंड़ल में अपने लिये विशेष विभाग पाने के लिये दबाव की नीति अपनाते देखे जाते हैं । विभाग विशेष में हासिल अपनी काल्पनिक विशेषज्ञता का सदुपयोग करने की नीयत और उस विभाग के माध्यम से जनता की पुरजोर प्रभावी सेवा करने की उनकी निस्वार्थ ललक सचमुच प्रशंसनीय है । दुःख केवल इसी बात का है कि ऐसे विभागों की संख्या शायद कम है जिनमें जनसेवा के लिये प्रेरित करने का प्रबल आकर्षण हो। जनता को समझना चाहिए कि चमकदार सेवा पाने के लिये सेवक की कुर्सी रत्नजड़ित होना भी आवश्यक है और उनके चयनित प्रतिनिधि इसी बात को ध्यान में रखते हुए उनके लिये ऐसे विभाग के लिये संघर्ष करते हैं जिसे कुछ ईर्ष्यालु सिरफिरे "मलाईदार विभाग " पाने की लड़ाई बताकर उन्हें बदनाम करते हैं।
-ओंम प्रकाश नौटियाल
-ओंम प्रकाश नौटियाल
Wednesday, November 20, 2019
Tuesday, November 19, 2019
जहर जहर को मारता है !!
चुनाव से ठीक पहले हवा पानी दोनों इस कदर जहरीले हो जाते हैं कि नेताओं को बेचारी जनता के स्वास्थ्य की चिंता पागल करने लगती है । विषाक्त वाणी बाणों के आदान प्रदान से हवा पानी में घुला जहर और उग्र रूप ले लेता है, नेताओं को हर पल यही डर सताने लगता है कि इतना विषैला पानी पी रहे लोग, पता नहीं, मतदान तक जीवित रहेंगे भी या नहीं । किंतु शुक्र है चुनाव के बाद सब कुछ, बिना कुछ किये, अगले चुनाव तक के लिये ठीक हो जाता है । अकसर तो एक दूसरे के विरूद्ध गरल उगलकर हवा पानी विषाक्त करने वाले नेता लोग, विष प्रभावहीन करने के लिये अपने विष को उनके विष से मिलाते हैं ,और आपसी गठजोड़ से सरकार बनाकर जल वायु समेत सभी दोष ठीक कर देते हैं ।
-ओंम प्रकाश नौटियाल
-ओंम प्रकाश नौटियाल
Monday, November 11, 2019
डेंगू पर नयी शोध
डेंगू ऐसी खतरनाक समदर्शी बिमारी है जो अमीर गरीब में अंतर किये बिना सभी को अपनी चपेट में ले सकती है । अभी तक लोग सिर्फ एडिज मच्छर को ही इसके लिये दोष देते रहे हैं किंतु प्राप्त समाचारों के अनुसार मैड्रिड में स्पेन के स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गयी खोज के अनुसार डेंगू से संक्रमित किसी व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध बनाने से भी डेंगू हो सकता है ।यह खोज बेचारे डेंगू पीडितों पर दोहरी मार की तरह होगी - एक तो खतरनाक बिमारी से जूझना और फिर मच्छर द्वारा दिये गये चरित्र प्रमाण पत्र को लोगों का संदेह की द्दष्टि से देखना ।
-ओंम प्रकाश नौटियाल
-ओंम प्रकाश नौटियाल
Sunday, November 10, 2019
मँहगाइ का नायक
गगन छू रहे भाव में , प्याज और विधायक
चुनना अति कठिन इनमें, मँहगाइ का नायक !
-ओंम प्रकाश नौटियाल
चुनना अति कठिन इनमें, मँहगाइ का नायक !
-ओंम प्रकाश नौटियाल
Friday, November 8, 2019
लघुकथा -बेरोजगारी
"पाँय लागूं ताऊ, कैसा है ?"
"ठीक हूँ बेटा , तू सुना , आजकल तो यहीं दिक्खे तू , पहले तो कई कई दिनों तक बाहर ही रहे था "
" क्या बताऊँ ताऊ बस यूं समझ ले बेरोजगार हो गया " बिरू ने निराश स्वर में जवाब दिया ।
" क्या हुआ, तू तो कहे था तेरा अपना धंधा है "
"बस ताऊ ,अपने ही धंधे में ठाली हो गये "
" क्यूं क्या हुआ ?’
" अरे ताऊ , हर धंधे में होड़ इतनी बढ़ गयी कि गुजर मुश्किल हो गयी "
"तेरा ऐसा कौन सा धंधा था ?"
"अब तो धंधा बंद सा हो गया तो बताने में हर्ज भी ना है । बस आस पास के शहरों में जाकर बैंक डकैती कर लेंवे थे फिर पुलिस से बचने को कुछ दिन कहीं दूर जा मौज मस्ती करके आ जावें थे.. ।"
"अरे बाप रे, तो अब क्या हो गया " ताऊ की उत्सुकता चरम सीमा पर थी
"अरे ताऊ , अब तो बैंक के अंदर काम करने वाले ही इतनी बड़ी बड़ी ड़कैती मारने लगे कि म्हारे जैसों के हाथ ही कुछ न लगे "
"हाँ बेटा , सुनु तो हूँ खबरों में कि बैंक के कारिन्दे बैंक के पैसे को अपना समझ कर धड़ल्ले से लूटरे ,चल कोई ना, लूट खसोट के धंधों की कमी थोड़े ना, और मिल जांगे "
"बस ताऊ, तेरा अशीष चहिए " कह कर बिरू मंदिर की तरफ़ बढ़ गया
-ओंम प्रकाश नौटियाल
"ठीक हूँ बेटा , तू सुना , आजकल तो यहीं दिक्खे तू , पहले तो कई कई दिनों तक बाहर ही रहे था "
" क्या बताऊँ ताऊ बस यूं समझ ले बेरोजगार हो गया " बिरू ने निराश स्वर में जवाब दिया ।
" क्या हुआ, तू तो कहे था तेरा अपना धंधा है "
"बस ताऊ ,अपने ही धंधे में ठाली हो गये "
" क्यूं क्या हुआ ?’
" अरे ताऊ , हर धंधे में होड़ इतनी बढ़ गयी कि गुजर मुश्किल हो गयी "
"तेरा ऐसा कौन सा धंधा था ?"
"अब तो धंधा बंद सा हो गया तो बताने में हर्ज भी ना है । बस आस पास के शहरों में जाकर बैंक डकैती कर लेंवे थे फिर पुलिस से बचने को कुछ दिन कहीं दूर जा मौज मस्ती करके आ जावें थे.. ।"
"अरे बाप रे, तो अब क्या हो गया " ताऊ की उत्सुकता चरम सीमा पर थी
"अरे ताऊ , अब तो बैंक के अंदर काम करने वाले ही इतनी बड़ी बड़ी ड़कैती मारने लगे कि म्हारे जैसों के हाथ ही कुछ न लगे "
"हाँ बेटा , सुनु तो हूँ खबरों में कि बैंक के कारिन्दे बैंक के पैसे को अपना समझ कर धड़ल्ले से लूटरे ,चल कोई ना, लूट खसोट के धंधों की कमी थोड़े ना, और मिल जांगे "
"बस ताऊ, तेरा अशीष चहिए " कह कर बिरू मंदिर की तरफ़ बढ़ गया
-ओंम प्रकाश नौटियाल
Wednesday, November 6, 2019
Tuesday, November 5, 2019
रक्षक
रक्षक हैं कानून के ,खाकी, काला कोट
दोनों मिल जनतंत्र का, गला रहे हैं घोट !!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
दोनों मिल जनतंत्र का, गला रहे हैं घोट !!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
Monday, November 4, 2019
Saturday, October 26, 2019
Thursday, October 17, 2019
Monday, October 7, 2019
Sunday, October 6, 2019
Saturday, October 5, 2019
Tuesday, October 1, 2019
Saturday, September 28, 2019
नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं !!
आद्य शक्ति माँ पूज्य का, पर्व शुरू नवरात्र
गरबे ही गरबे सजे, खिले खिले सब पात्र
भक्तों का ताँता लगा , मंदिर मठ चौपाल
खैलेय्या तैय्यार हैं , कजरा गजरा डाल !
-ओंम प्रकाश नौटियाल
Friday, September 20, 2019
Wednesday, September 4, 2019
Tuesday, September 3, 2019
Sunday, September 1, 2019
Tuesday, August 27, 2019
Thursday, August 22, 2019
Monday, August 19, 2019
Sunday, August 18, 2019
Monday, August 5, 2019
सौगात !
धारा तीन सौ सत्तर, अब अतीत की बात
आज सोम व्रतवार दिन, धारा बिन बरसात !
-
धारा तीन सौ सत्तर, अब अतीत की बात
आज सोम व्रतवार दिन, पायी यह सौगात !
-ओंम प्रकाश नौटियाल
आज सोम व्रतवार दिन, धारा बिन बरसात !
-
धारा तीन सौ सत्तर, अब अतीत की बात
आज सोम व्रतवार दिन, पायी यह सौगात !
-ओंम प्रकाश नौटियाल
Sunday, August 4, 2019
Saturday, August 3, 2019
बाढ़ मगरमच्छ और आँसू -लघुकथा
-ओंम प्रकाश नौटियाल
वड़ोदरा और गुजरात के कई अन्य स्थानों पर परसों सुबह से शाम तक लगातार वर्षा होती रही ।उसके बाद से भी अब तक रुक रुक कर कभी हल्की कभी तेज वर्षा जारी है । वड़ोदरा की स्थानीय टी वी चैनल पर शहर भर में पानी भर जाने के समाचार आ रहे हैं,बाढ़ पीड़ित लोग अत्यंत दयनीय स्थिति में हैं ,जान माल के लिये जद्दोजहद चल रही है । लोगों को प्रशासन की ओर से सुरक्षा निर्देश और आवश्यक चेतावनी लगातार दी जा रही है । दस वर्षीय प्रतीक अपने पापा अम्मा के साथ साँय का समाचार बुलेटिन देख रहा है । बाढ़ की भयावहता के द्दश्य विचलित करने वाले हैं । प्रतीक अपने पापा विनोद से निरंतर प्रश्न कर रहा है । प्रतीक की अम्मा कहने लगी ,"आप टी वी बंद कर दीजिए न, जब मुझ से यह सब नहीं देखा जा रहा है तो फिर प्रतीक तो बच्चा है ।" विनोद ने टी वी बंद कर दिया ।तभी उदास मन से प्रतीक पूछ बैठा ," पापा आप तो कहते थे कि आपने अपने बचपन में देहरादून में अपने गाँव में कई कई दिनों की बरसात देखी है आपका गाँव क्यों नहीं डूबता था?"
" बेटा , तब से अब तक बहुत कुछ बदल गया है । आवासी मकानों और अंधाधुंध निर्माण कार्यों से पानी समा लेने वाली खाली धरती सिकुड गयी है ।कितने ही ताल तालाब सूखा कर पाट दिये गये हैं और उन जमीनों पर अनधिकृत कब्जे हो गये हैं नदियों के किनारे भी नदियों के भीतर तक घुस गये हैं नदी के नाम पर गाद ,रेत से भरी एक लकीर भर है । विकास के नाम पर वृक्ष धड्ड़ले से कट रहे हैं ।जल की निकासी नहीं है ।टूटी फूटी सीवर लाइने चोक रहती हैं ।इन सब कारणों से एक दिन की भारी बारिश में भी भयंकर बाढ़ के हालात हो जाते हैं ।देहरादून हालाकि घाटी में है पर यह सब कारण तो कमोबेश अब वहाँ भी लागू हैं वहाँ भी कुछ समय की वर्षा में ही पानी भर जाता है "
" पापा, मेरा दोस्त है न विनय, जिसके पापा पार्षद हैं ,वह तो कह रहा था कि विश्वामित्री नदी में बाढ़ आने से यह सब होता है "
" बेटा विश्वामित्री तो अब एक मौसमी नदी है नदी क्या है गंदे नाले सी हो गयी है ।जब आजवा जलाशय में पानी खतरे से ऊपर हो जाता है तो प्रशासन जलाशय के गेट खोल देता है यह पानी बरसात के कारण पहले से ही उफन रही विश्वामित्री में बाढ़ ले आता है जिससे जलमग्न वडोदरा के हालात और भी बदतर हो जाते हैं क्योंकि नदी नगर के मध्य से गुजरती है "
"पापा इसका उपाय क्या है?"
" बेटा जिन लोगों से उपाय की अपेक्षा है वही तो ऐसे हालात बनने देने के लिये जिम्मेदार हैं इसीलिये वह बाते बनाकर, कोरे आश्वासन देकर और केवल मगरमच्छी आँसू बहाकर अपने कर्तव्य की इति श्री समझ लेते हैं ।"
" पापा मगरमच्छ तो विश्वामित्री में भी बहुत हैं "
" हाँ बेटा , सैकड़ों मगरमच्छ है विश्वामित्री में । पानी के साथ मगरमच्छ भी सड़कों, घरों में आ जाते हैं ।उनसे नागरिकों की सुरक्षा करना ,उन्हें पकड़ना भी प्रशासन के लिये बड़ी चुनौती है ।"
"पापा , अपने घर से बेघर होने की तकलीफ तो उन्हें भी होती होगी । रोते होगें बेचारे ।"
"हो ,सकता है बेटा ।"
"पापा कहीं ऐसा तो नही कि मगर मच्छों और नेताओं के मिलेजुले मगरमच्छी आँसुओं से बाढ़ का प्रकोप और बढ़ जाता हो ।"
" चल हट, शरारती कहीं का , अब जाओ होम वर्क करो अपना ।"
और प्रतीक के जाते ही विनोद फिर से टी वी पर समाचार देखने लगे ।
-ओंम प्रकाश नौटियाल
बड़ौदा, मोबा. 9427345810
(सर्वाधिकार सुरक्षित )
वड़ोदरा और गुजरात के कई अन्य स्थानों पर परसों सुबह से शाम तक लगातार वर्षा होती रही ।उसके बाद से भी अब तक रुक रुक कर कभी हल्की कभी तेज वर्षा जारी है । वड़ोदरा की स्थानीय टी वी चैनल पर शहर भर में पानी भर जाने के समाचार आ रहे हैं,बाढ़ पीड़ित लोग अत्यंत दयनीय स्थिति में हैं ,जान माल के लिये जद्दोजहद चल रही है । लोगों को प्रशासन की ओर से सुरक्षा निर्देश और आवश्यक चेतावनी लगातार दी जा रही है । दस वर्षीय प्रतीक अपने पापा अम्मा के साथ साँय का समाचार बुलेटिन देख रहा है । बाढ़ की भयावहता के द्दश्य विचलित करने वाले हैं । प्रतीक अपने पापा विनोद से निरंतर प्रश्न कर रहा है । प्रतीक की अम्मा कहने लगी ,"आप टी वी बंद कर दीजिए न, जब मुझ से यह सब नहीं देखा जा रहा है तो फिर प्रतीक तो बच्चा है ।" विनोद ने टी वी बंद कर दिया ।तभी उदास मन से प्रतीक पूछ बैठा ," पापा आप तो कहते थे कि आपने अपने बचपन में देहरादून में अपने गाँव में कई कई दिनों की बरसात देखी है आपका गाँव क्यों नहीं डूबता था?"
" बेटा , तब से अब तक बहुत कुछ बदल गया है । आवासी मकानों और अंधाधुंध निर्माण कार्यों से पानी समा लेने वाली खाली धरती सिकुड गयी है ।कितने ही ताल तालाब सूखा कर पाट दिये गये हैं और उन जमीनों पर अनधिकृत कब्जे हो गये हैं नदियों के किनारे भी नदियों के भीतर तक घुस गये हैं नदी के नाम पर गाद ,रेत से भरी एक लकीर भर है । विकास के नाम पर वृक्ष धड्ड़ले से कट रहे हैं ।जल की निकासी नहीं है ।टूटी फूटी सीवर लाइने चोक रहती हैं ।इन सब कारणों से एक दिन की भारी बारिश में भी भयंकर बाढ़ के हालात हो जाते हैं ।देहरादून हालाकि घाटी में है पर यह सब कारण तो कमोबेश अब वहाँ भी लागू हैं वहाँ भी कुछ समय की वर्षा में ही पानी भर जाता है "
" पापा, मेरा दोस्त है न विनय, जिसके पापा पार्षद हैं ,वह तो कह रहा था कि विश्वामित्री नदी में बाढ़ आने से यह सब होता है "
" बेटा विश्वामित्री तो अब एक मौसमी नदी है नदी क्या है गंदे नाले सी हो गयी है ।जब आजवा जलाशय में पानी खतरे से ऊपर हो जाता है तो प्रशासन जलाशय के गेट खोल देता है यह पानी बरसात के कारण पहले से ही उफन रही विश्वामित्री में बाढ़ ले आता है जिससे जलमग्न वडोदरा के हालात और भी बदतर हो जाते हैं क्योंकि नदी नगर के मध्य से गुजरती है "
"पापा इसका उपाय क्या है?"
" बेटा जिन लोगों से उपाय की अपेक्षा है वही तो ऐसे हालात बनने देने के लिये जिम्मेदार हैं इसीलिये वह बाते बनाकर, कोरे आश्वासन देकर और केवल मगरमच्छी आँसू बहाकर अपने कर्तव्य की इति श्री समझ लेते हैं ।"
" पापा मगरमच्छ तो विश्वामित्री में भी बहुत हैं "
" हाँ बेटा , सैकड़ों मगरमच्छ है विश्वामित्री में । पानी के साथ मगरमच्छ भी सड़कों, घरों में आ जाते हैं ।उनसे नागरिकों की सुरक्षा करना ,उन्हें पकड़ना भी प्रशासन के लिये बड़ी चुनौती है ।"
"पापा , अपने घर से बेघर होने की तकलीफ तो उन्हें भी होती होगी । रोते होगें बेचारे ।"
"हो ,सकता है बेटा ।"
"पापा कहीं ऐसा तो नही कि मगर मच्छों और नेताओं के मिलेजुले मगरमच्छी आँसुओं से बाढ़ का प्रकोप और बढ़ जाता हो ।"
" चल हट, शरारती कहीं का , अब जाओ होम वर्क करो अपना ।"
और प्रतीक के जाते ही विनोद फिर से टी वी पर समाचार देखने लगे ।
-ओंम प्रकाश नौटियाल
बड़ौदा, मोबा. 9427345810
(सर्वाधिकार सुरक्षित )
Wednesday, July 31, 2019
Tuesday, July 23, 2019
Sunday, July 21, 2019
Thursday, July 18, 2019
Monday, July 15, 2019
Saturday, July 13, 2019
रिश्ते
रिश्ते थे जो जन्म के, दिया उन्हें बनवास
हवस नेह धोती रही, साक्षी है इतिहास !
-ओंम प्रकाश नौटियाल
हवस नेह धोती रही, साक्षी है इतिहास !
-ओंम प्रकाश नौटियाल
Friday, July 12, 2019
Tuesday, July 9, 2019
Wednesday, July 3, 2019
Tuesday, July 2, 2019
Sunday, June 30, 2019
होमवर्क
लघुकथा -ओंम प्रकाश नौटियाल
संग्राम सिंह जी बरामदे में झूले पर बैठ कर किसी से फोन पर बात कर रहे थे । तभी स्कूल से आकर संजय सीधा कमरे में घुसा और बैग कुर्सी पर पटक कर वापस बरामदे में भरे गले से झल्लाहट और क्रोध भरे स्वर में उनसे बोला :
"पापा आप इतने सालों से राजनीति में हो,आजकल पार्षद हो, कितनी बार विधायक का चुनाव लड़ चुके हो पर आपको न तो इस शहर में न कोई जानता है न कोई आपसे डरता है। "
"अरे क्या हो गया। ऐसा क्यों कह रहा है तू "
"कहूँगा पापा सौ बार कहूँगा । आज होम वर्क न करने पर गणित के टीचर मुझ पर बहुत गुस्सा हुए और मुझे दस मिनट के लिये क्लास में पीछे दीवार की तरफ़ मुंह करके खड़े होने की सजा दी और कहा कल अपने पापा को लेकर आना"
" अच्छा , कौन है वह टीचर ?"
" शर्मा सर हैं । पापा आप सुनो तो सही , जब मैंने उनसे कहा कि मैं पार्षद संग्राम सिंह का बेटा हूँ । वह बहुत व्यस्त रहते हैं ।"
"ठीक कहा बेटे , हर छोटी मोटी बात पर मैं काम धंधा छोड़कर स्कूल भागूँगा क्या?"
संजय रोते हुए बोला ," पापा, पर सर ने कहा ,अच्छा किसी बड़े आदमी का बेटा है जो बेटे के स्कूल नहीं आ सकते ? तो तू ऐसा कर कि पूरे आधा घंटे खड़ा रहना " सारी क्लास इस बात पर हँसने लगी । मेरी बड़ी बेइज्जती हुई ।
"चुप हो जा बेटे, मैं अभी आता हूँ ।" कहकर संग्राम सिंह तेजी से बाहर निकल गये । आधे घन्टे बाद जब वह वापस आये तो उनके हाथ में क्रिकेट का बैट था । संजय देखते ही खुशी से उछल कर बोला ," अरे वाह , पापा, मैं आपको बैट खरीदवाने के लिये कहने की सोच ही रहा था , आपको कैसे पता चला कि मुझे बैट चाहिये, बड़े अच्छे हैं आप "
" पर पापा आपको ब्रैन्ड़ेड लाना चाहिये था आप बाहर से अमित स्पोर्ट्स से लाये होंगे । वह तो घटिया ,सस्ती चीजें रखते हैं ।"
" यह तुम्हारे लिये नहीं है बेटा । मैं इससे भी अच्छा खेल सकता हूँ ।कल तुम्हारे स्कूल जाकर तुम्हारे शर्मा सर से मिलेंगे फिर शहर तो क्या पूरा देश जानेगा कि संग्राम सिंह कौन है ।"
सुनते ही संजय होम वर्क करना छोड़ कर वर्ल्ड़ कप क्रिकेट मैच देखने बैठ गया ।
-ओंम प्रकाश नौटियाल
संग्राम सिंह जी बरामदे में झूले पर बैठ कर किसी से फोन पर बात कर रहे थे । तभी स्कूल से आकर संजय सीधा कमरे में घुसा और बैग कुर्सी पर पटक कर वापस बरामदे में भरे गले से झल्लाहट और क्रोध भरे स्वर में उनसे बोला :
"पापा आप इतने सालों से राजनीति में हो,आजकल पार्षद हो, कितनी बार विधायक का चुनाव लड़ चुके हो पर आपको न तो इस शहर में न कोई जानता है न कोई आपसे डरता है। "
"अरे क्या हो गया। ऐसा क्यों कह रहा है तू "
"कहूँगा पापा सौ बार कहूँगा । आज होम वर्क न करने पर गणित के टीचर मुझ पर बहुत गुस्सा हुए और मुझे दस मिनट के लिये क्लास में पीछे दीवार की तरफ़ मुंह करके खड़े होने की सजा दी और कहा कल अपने पापा को लेकर आना"
" अच्छा , कौन है वह टीचर ?"
" शर्मा सर हैं । पापा आप सुनो तो सही , जब मैंने उनसे कहा कि मैं पार्षद संग्राम सिंह का बेटा हूँ । वह बहुत व्यस्त रहते हैं ।"
"ठीक कहा बेटे , हर छोटी मोटी बात पर मैं काम धंधा छोड़कर स्कूल भागूँगा क्या?"
संजय रोते हुए बोला ," पापा, पर सर ने कहा ,अच्छा किसी बड़े आदमी का बेटा है जो बेटे के स्कूल नहीं आ सकते ? तो तू ऐसा कर कि पूरे आधा घंटे खड़ा रहना " सारी क्लास इस बात पर हँसने लगी । मेरी बड़ी बेइज्जती हुई ।
"चुप हो जा बेटे, मैं अभी आता हूँ ।" कहकर संग्राम सिंह तेजी से बाहर निकल गये । आधे घन्टे बाद जब वह वापस आये तो उनके हाथ में क्रिकेट का बैट था । संजय देखते ही खुशी से उछल कर बोला ," अरे वाह , पापा, मैं आपको बैट खरीदवाने के लिये कहने की सोच ही रहा था , आपको कैसे पता चला कि मुझे बैट चाहिये, बड़े अच्छे हैं आप "
" पर पापा आपको ब्रैन्ड़ेड लाना चाहिये था आप बाहर से अमित स्पोर्ट्स से लाये होंगे । वह तो घटिया ,सस्ती चीजें रखते हैं ।"
" यह तुम्हारे लिये नहीं है बेटा । मैं इससे भी अच्छा खेल सकता हूँ ।कल तुम्हारे स्कूल जाकर तुम्हारे शर्मा सर से मिलेंगे फिर शहर तो क्या पूरा देश जानेगा कि संग्राम सिंह कौन है ।"
सुनते ही संजय होम वर्क करना छोड़ कर वर्ल्ड़ कप क्रिकेट मैच देखने बैठ गया ।
-ओंम प्रकाश नौटियाल
Friday, June 28, 2019
Saturday, June 22, 2019
Tuesday, June 18, 2019
Monday, June 17, 2019
Thursday, June 13, 2019
Tuesday, June 4, 2019
Saturday, May 25, 2019
ज्ञान चर्चा
यह कतई आवश्यक नहीं है कि मँहगी वस्तु गुणवत्ता के आधार पर सदैव ही बेहतर हो । सस्ता देशी ठर्रा पीकर लोग अपेक्षाकृत अधिक अच्छी धारा प्रवाह अंग्रेजी बोलते हैं ।
-ओम
Friday, May 24, 2019
Wednesday, May 22, 2019
मैड़म इ वी ऐम
इ वी ऐम को छेड़ना,बड़ा अनैतिक काम
किसी रूप में नार हो,झुक झुक करें प्रणाम
मैड़म इ वी ऐम हुई ,सुनकर बहुत प्रसन्न
स्त्री रक्षा को लोग अब, मरने को आसन्न !
-ओंम प्रकाश नौटियाल
किसी रूप में नार हो,झुक झुक करें प्रणाम
मैड़म इ वी ऐम हुई ,सुनकर बहुत प्रसन्न
स्त्री रक्षा को लोग अब, मरने को आसन्न !
-ओंम प्रकाश नौटियाल
Monday, May 20, 2019
लोकतंत्र आयोग
ऐसे क्या संभव नहीं, हों न कोई चुनाव
बिन चुनाव ही चल सके, लोकतंत्र की नाव
लोकतंत्र की नाव , बचाये खर्चा भारी
लोकतंत्र आयोग , सभी ले जिम्मेदारी
सुख सुविधा से दूर, चुने प्रत्याशी वैसे
विनयशील बेदाग, सेवामूर्ति हों ऐसे !!!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
बिन चुनाव ही चल सके, लोकतंत्र की नाव
लोकतंत्र की नाव , बचाये खर्चा भारी
लोकतंत्र आयोग , सभी ले जिम्मेदारी
सुख सुविधा से दूर, चुने प्रत्याशी वैसे
विनयशील बेदाग, सेवामूर्ति हों ऐसे !!!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
Saturday, May 18, 2019
बेकारी
बड़े बड़ों पर गिर पड़ी, बेकारी की गाज
प्रधान पद प्रार्थी बने, बीसों नेता आज !
-ओंम प्रकाश नौटियाल
प्रधान पद प्रार्थी बने, बीसों नेता आज !
-ओंम प्रकाश नौटियाल
Friday, May 17, 2019
Tuesday, May 14, 2019
Sunday, May 12, 2019
Thursday, May 9, 2019
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