तिमिर दंभ का छाया ,जो अपने दिमागों में ,
समूल नष्ट हो सब, यही विनती चिरागों से , उजियारा हो स्थायी , ’ओंम’ मेरे भारत में
रहें मन सदा झंकृत , पावन दीप रागों से !
-ओंम प्रकाश नौटियाल
समूल नष्ट हो सब, यही विनती चिरागों से , उजियारा हो स्थायी , ’ओंम’ मेरे भारत में
रहें मन सदा झंकृत , पावन दीप रागों से !
-ओंम प्रकाश नौटियाल
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