Tuesday, November 17, 2015

एक मुक्तक :अहं की तलवार

जब सर पर अहं की तलवार होगी , 
किस अरि की फिर भला दरकार होगी ? 
प्राण ले लेगी हर चैतन्य शह के 
’जिंदगी धिक्कार औ’ धिक्कार होगी !
-ओंम प्रकाश नौटियाल 

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