--ओंम प्रकाश नौटियाल
जिन लड़कों के बींधे नाक, पडे बून्दे हैं कानों मे
शादी के लिये उनकी है आज गिनती सयानों मे,
दर्द सहने का उनको अभी से खासा तजुरबा है
फिर अनुभव भी है जाने का गहनों की दुकानों में।
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मैं चुप रहा तो और गलतफ़हमियाँ बढी , वो भी सुना है उसने, जो मैने कहा नहीं । -----डा. बशीर बद्र
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