माता तेरी छाँव में , सुन्दर यह संसार
ढूंढे से मिलता नहीं, ऐसा निश्छल प्यार,
ऐसा निश्छल प्यार, कहूं क्या तेरी माया
पा आँचल की छाँव,, पड़े न दुःख का साया,
ना जानू प्रभु ठौर, बसे हैं कहाँ विधाता
मेरी तो आराध्य और भगवन तुम माता !!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
ढूंढे से मिलता नहीं, ऐसा निश्छल प्यार,
ऐसा निश्छल प्यार, कहूं क्या तेरी माया
पा आँचल की छाँव,, पड़े न दुःख का साया,
ना जानू प्रभु ठौर, बसे हैं कहाँ विधाता
मेरी तो आराध्य और भगवन तुम माता !!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
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