नियति जन्य प्रहार कभी, भीषण निर्मम क्रूर
हो जाते क्षण में सभी , सपने चकना चूर !!!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
हो जाते क्षण में सभी , सपने चकना चूर !!!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
मैं चुप रहा तो और गलतफ़हमियाँ बढी , वो भी सुना है उसने, जो मैने कहा नहीं । -----डा. बशीर बद्र
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