लीजे दिया कुम्हार से, बड़ी दुकानें त्याग
श्रम का जब दीपक जले,जगमग चमके भाग!!
ओंम प्रकाश नौटियाल
श्रम का जब दीपक जले,जगमग चमके भाग!!
ओंम प्रकाश नौटियाल
मैं चुप रहा तो और गलतफ़हमियाँ बढी , वो भी सुना है उसने, जो मैने कहा नहीं । -----डा. बशीर बद्र
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