Saturday, September 30, 2017

लौटे घर संतुष्ट !

खूब खिला पिला कर जो, दुष्ट बनाये पुष्ट

तज उनको मार नकली, लौटे घर संतुष्ट !

ओंम प्रकाश नौटियाल

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