ब्लाइँड़ खेल प्रकाश में, धन खोया अनमोल
जीवन की बाजी सदा, खेल आँख को खोल !
- ओंम प्रकाश नौटियाल
जीवन की बाजी सदा, खेल आँख को खोल !
- ओंम प्रकाश नौटियाल
मैं चुप रहा तो और गलतफ़हमियाँ बढी , वो भी सुना है उसने, जो मैने कहा नहीं । -----डा. बशीर बद्र
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