Sunday, July 6, 2014

उलझन

-ओंम प्रकाश नौटियाल
न बडी कोई उलझन इतनी ,
दे मन को जो तड़पन इतनी,
साहस औधैर्य यदि संग हो
हर अड़चन फिर तिलहन जितनी !
-ओंम प्रकाश नौटियाल

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