Saturday, July 26, 2014

मंजिल

-ओंम प्रकाश नौटियाल
अपना लक्ष्य स्पष्ट रख, निर्धारित पडाव कर,
मुश्किल से जूझने का, भीतर से चाव कर,
मंजिल की ओर बढते , यह बात रहे ध्यान
भूल से ना पाँव हों, कभी दो दो नाव पर !
-ओंम प्रकाश नौटियाल

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