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Thursday, September 13, 2012

हिन्दी प्यारी - चंद हाइकु

-ओंम प्रकाश नौटियाल

Sunday, August 5, 2012

रक्षाबंधन -चंद हाइकु

-ओंम प्रकाश नौटियाल

-
रक्षाबंधन
जियेंगे बचपन
भाई बहन
-
चंदा भय्या की
राखी सजी कलाई
बहुत भाई
-
राखी की दुआ
हो खुशियों का जहाँ
भय्या हों जहाँ
-
सैकडॊं कोस
होंगे मन मसोस
भय्या खामोश
-
भाई समीप
अक्षत रोली दीप
प्रेम प्रदीप
-
कूडे में पडी
क्या होता है पूछती
रक्षाबंधन ?
-



Friday, December 23, 2011

सर्दी गरीब की (चंद हाइकु )

-ओंम प्रकाश नौटियाल

-1-
जाडा जो आया,
मजदूर के घर
मातम छाया
-2-
सर्दी की रात
खुद ही काँप गई
घुस झुग्गी में
-3-
सर्दी थी कडी
अंगीठी की लकडी
जी भर लडी
-4-
सर्द थी रात
बिछौना फ़ुटपाथ
दीन अनाथ
-5-
मृत्यु वरण
ठंड से बचा तन
ओढा कफ़न
-6-
अंधेरगर्दी
झुग्गी ढूंढती सर्दी
कैसी बेदर्दी

*

(पूर्व प्रकाशित-सर्वाधिकार सुरक्षित )

Wednesday, August 31, 2011

श्री गणेश स्तुति हाइकु

-ओंम प्रकाश नौटियाल

भाद्र पद में
शुक्ल पक्ष चतुर्थी
आप अतिथि

गजवदन
शत शत नमन
कष्ट शमन

आपका जाप
जगमग प्रताप
दे शुभ लाभ

पुष्प अक्षत
आपको समर्पित
मिष्ट मोदक

गण नायक
दिव्य बुद्धि धारक
विघ्न तारक

प्रखर बुद्धि
हो मन वाणी शुद्धि
आये समृद्धि

हे गणपति
ॠद्धि सिद्धि श्रीपति
हरो विपत्ति

मूष वाहक
आप दें आलंबन
कार्य प्रारंभ !!!

Sunday, February 13, 2011

मिस्र क्रान्ति - कुछ हाइकु

-ओंम प्रकाश नौटियाल


मिस्र के मित्रों,
मुबारक का जाना,
हो मुबारक ।

मन उमंग,
जश्न और उमंग,
मिस्र प्रसन्न ।

मिस्र में क्रान्ति,
लायी परिवर्तन,
चैन अमन ।

आई खुशियाँ,
मुबारक के बाद,
क्रान्ति को दाद ।

अहिंसा पर,
जिनको रहा नाज,
आजाद आज ।

बापू का कहा,
विजय अहिंसा से,
उतरा खरा ।

गाँधी ने दिया,
अहिंसा का जो बल,
रहा सफ़ल ।

Thursday, February 3, 2011

वसंत -कुछ हाइकु

-ओंम प्रकाश नौटियाल



मन प्रसन्न
अब आया वसंत
शीत का अंत

धरती प्यारी
पीले पुष्पों का हार
स्वर्ण श्रंगार

छोटे से दिन
वसंत के आने से
हुए सयाने

फूलों की गंध
हवा में मंद मंद
वाह वसंत

ऋतु वसंत
पतझड का अंत
शान्त पवन

हे ऋतुराज
कोयल गाये गीत
तुमसे प्रीत