Sunday, August 5, 2012

रक्षाबंधन -चंद हाइकु

-ओंम प्रकाश नौटियाल

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रक्षाबंधन
जियेंगे बचपन
भाई बहन
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चंदा भय्या की
राखी सजी कलाई
बहुत भाई
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राखी की दुआ
हो खुशियों का जहाँ
भय्या हों जहाँ
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सैकडॊं कोस
होंगे मन मसोस
भय्या खामोश
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भाई समीप
अक्षत रोली दीप
प्रेम प्रदीप
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कूडे में पडी
क्या होता है पूछती
रक्षाबंधन ?
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