धारा में अब बह गये, हम भी धारों धार
किसी दल में मिल जायें, आया यही विचार,
आया यही विचार, यहाँ खपते बड़ बोले
कहते मन की बात, गाँठ मन की बिन खोले,
अंधी श्रद्धा, ढोंग, होगा इनका सहारा
प्रचार धो दे मैल , शुद्ध हो गंगा धारा !!!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
किसी दल में मिल जायें, आया यही विचार,
आया यही विचार, यहाँ खपते बड़ बोले
कहते मन की बात, गाँठ मन की बिन खोले,
अंधी श्रद्धा, ढोंग, होगा इनका सहारा
प्रचार धो दे मैल , शुद्ध हो गंगा धारा !!!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
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