तुम्हारे शहर में
अकसर दरकते हैं पुल
हमारे प्रेम नगर के
सभी सेतु सुद्दढ़ हैं
क्योंकि
बने हैं प्रीत घोल से
यहाँ आओ
घृणा गाद की वैतरणी
मिल कर पार करें
प्रेम सेतुओं के माध्यम से !!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
अकसर दरकते हैं पुल
हमारे प्रेम नगर के
सभी सेतु सुद्दढ़ हैं
क्योंकि
बने हैं प्रीत घोल से
यहाँ आओ
घृणा गाद की वैतरणी
मिल कर पार करें
प्रेम सेतुओं के माध्यम से !!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
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