ज्ञान बगिया में पला मानव महकता कुंज है,
अज्ञान के तम से घिरा तो अपाहिज लुंज है,
ज्ञान ही प्रशस्त करता दुरूह जीवन राह को
ज्ञानी ही सबके लिये उज्ज्वल प्रकाशपुंज है !
-ओम प्रकाश नौटियाल
(सर्वाधिकार सुरक्षित )
मैं चुप रहा तो और गलतफ़हमियाँ बढी , वो भी सुना है उसने, जो मैने कहा नहीं । -----डा. बशीर बद्र
No comments:
Post a Comment