चैनलों पर प्रसारित समाचारों के अनुसार कई स्थानों पर प्रदूषण AQI (Air Quality Index ) 900 के पार पहुँच गया और इसके साथ ही यह मिथक भी चूर चूर हो गया कि 500 से उपर का प्रदूषण स्तर जीने के लिये बेहद खतरनाक है ।900 AQI के पार पहुँचे स्थानों के लोग उसी उत्साह से जी रहें हैं जैसे अब तक जीते आ रहे थे । हम भारत वासी हैं हलाहल खा पीकर भी जिंदा रहना जानते हैं फिर तथाकथित विषाक्त हवा हमारा क्या बिगाड़ सकती है ? वर्षो से न जाने किस किस प्रकार के विषमय अनुभवों के मध्य जीवन यापन ने विष के प्रति हमारी प्रतिरोधक क्षमता को इतना सशक्त कर दिया है कि अब हम विषाक्त हवा, पानी, भोजन के लिये पूरी तरह तैय्यार हैं । इसके लिये हम सभी बधाई के पात्र हैं !!!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
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