-ओंम प्रकाश नौटियाल
साँस साँस जीवन है
पल पल समय धार,
बूंद बूंद सागर है
लघु लघु विस्त्तार,
ईश्वर वास कण कण
काल योग क्षण क्षण,
सीमटे से आंचल में
ममता का संसार अक्षुण्ण,
अक्षर अक्षर ज्ञान है
श्वास श्वास प्राण है,
तृण तृण सुप्त ताप,
मन कोष्ठ में छुपा
सदियों का प्रलाप ।
अणु अणु है पदार्थ,
अहं अहं मूल स्वार्थ,
लघु कली कली में बन्द
विश्वव्यापी सुगन्ध,
मेघ मेघ आकाश,
पुष्प पुष्प सौन्दर्य वास,
महा पाप लोभ लोभ,
ध्यान ध्यान योग योग।
जन जन जनतंत्र
अन्ना अन्ना शक्ति यंत्र,
दीनहित भक्ति मंत्र,
समर्पित सत्यनाद से
झंकृत दिग दिगंत ।
साँस साँस जीवन है
पल पल समय धार,
बूंद बूंद सागर है
लघु लघु विस्त्तार ।
(मेरी पुस्तक "साँस साँस जीवन " से )
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