Friday, July 23, 2010

भगवान का लाख लाख शुक्र है ३६ दिन बाद उसे होश आ गया !

ओंम प्रकाश नौटियाल


मित्रॊं ! अब वह कौमा से बाहर है ,फ़िलहाल चिन्ता की कोई बात नहीं है ।

३६ दिन तक लगातार कौमा में रहने के बाद कल साँय ५ बजे उसने बात की ।

घर में इतने लम्बे अर्से के बाद फिर से खुशियाँ लौट आई ।चार वर्ष की अल्पायु में उसे अनेकों बार बेहोशी के लम्बे दौरे पड.चुके हैं , विशेषज्ञों की हर बार बस एक ही राय होती है।मौसमी बिमारी है ठीक हो जाएगी,आजकल तो बहुत से बिमार हैं । सचमुच बिमारी मौसमी है ,तभी तो हर मौसम में हो जाती है ।

जिस अस्पताल से उसका जन्म हुआ था वहाँ के लगभग सभी डाक्टरॊं से मैने रोज ही उसकी दशा के बारे में बात की , घर पर देखनें तो कोई नही आया , हाँ , एक दो दिन में ठीक हो जाने की जबानी तसल्ली अवश्य मिलती रही । मुझे उनकी संवेदनहीनता पर कई बार क्रोध भी आता था, पर उनका पाला तो रोज ऐसे कितने ही दुखी जनों से पडता था । दास्त्तां-ए-गम सुनने का उन्हे बहुत अभ्यास था ।

पर मेरी परेशानी हर गुजरते दिन के साथ बढती जा रही थी ।तीस दिन गुजरने के बाद तो चिन्ता घोर निराशा में बदलने लगी । यह नन्हा क्या कभी फिर से होश में आ पाएगा ? सभी लोगों की आवाज में बोलने में सक्षम, क्या यह फिर चहचहाएगा, किलकारियाँ मारेगा ? मित्रॊं और रिश्तेदारों के साँत्वना स्वर भी अब चुभने लगे थे।सबसे ज्यादा तकलीफ तो तब होती थी जब गुजरात से बाहर रहने वाले मित्र व रिश्तेदार मोबाइल पर फोन कर कुछ इस तरह की बातें कह्ते थे , " अरे क्या हुआ , ऐसी बिमारी तो हमारे यहाँ भी होती रहती है, एक दो दिन में इलाज़ हो जाता है । गुजरात तो इतना विकसित प्रदेश है ,वहाँ सब सुविधाएं उपलब्ध हैं ।फिर वहाँ इस साधारण बिमारी को इतना गंभीर रुप क्यॊं लेने दिया गया ? तीन चार महीने पहले भी वह इसी तरह लम्बी बेहोशी में चला गया था । "
इन बातों का मेरे पास कोई जवाब नहीं था । बस दर्द और बढ़ जाता था । सबकुछ सुनना पड रहा था ।

तीन दिन पहले ही मैंने अंतिम प्रयास के रुप में अस्पताल के प्रमुख ,जो अहमदाबाद के बडे अस्पताल में बैठते हैं, उन्हें ई-मेल द्वारा विस्तार से बिमारी के इतिहास व सभी लक्षणों से अवगत कराया । अब उन्होने वडोदरा में अपने मातहत डाक्टरों को क्या सलाह दी यह तो मैं नहीं जानता , पर कल साँय पाँच बजे उसके अचानक बोल उठने से घर भर आश्चर्य मिश्रित खुशी में झूम उठा ।

३६ दिन बाद आखिरकार मेरे बी एस एन एल के लैन्ड लाइन फोन २६३५२६६ को नई जिन्दगी मिली । सब परम पिता परमात्मा की कृपा है , व आप जैसे मित्रों की शुभकामनाओं का फल है। दुआ किजिए कि मेरे चहेते को फिर कभी यह बिमारी ना लगे और वह हमेशा खट्टी मीठी बातों से घर में रौनक बनाए रक्खे ।

आपका अपना

ओंम प्रकाश नौटियाल
९४२७३४५८१०
०२६५-२६३५२६६

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