Wednesday, June 30, 2010

काम सारे बैठे ठाले हो गये

-ओंम प्रकाश नौटियाल
-१-
अब कहाँ रहा है भय्या वर्ग भेद,
नेता ,गुन्डे हम निवाले हो गये ।
-२-
सुख राम जी उनके नसीब में कहाँ,
घर में छुपाए पैसे काले हो गये ।
-३-
विकास की प्रखर गति तो देखिए,
नदियों के बदले रूप नाले हो गये ।
-४-
पेस मेकर धडका रहा उनका दिल
सुनते हैं वो पैसे वाले हो गये ।
-५-
अपनी गंदगी को नहीं देखा कभी ,
जब गये बस्ती , मैकाले हो गये ।
-६-
आस्था के प्रतीक चिन्ह आज कल ,
महज छुरे , डंडे और भाल्रे हो गये ।
-७-
जब से समाज सेवा की ठान ली,
उनके तो रंग ढंग निराले हो गये ।
-८-
मंत्री जितने दिन रहे अंकल सखी,
बस काम सारे, बैठे ठाले हो गये ।
-९-
’ओंम’कहते हो तरक्की नहीं हुई,
बिन बात ही इतने घोटाले हो गये ?

(सर्वाधिकार सुरक्षित)

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