Sunday, March 9, 2014

"होली" -चंद दोहे


नारी विषयक

-ओंम प्रकाश नौटियाल
(यह दोहे कुछ हस्तियों द्वारा नारी विषयक उनकी प्रसिद्ध उक्तियों में व्यक्त
भावनाओं पर आधारित हैं )
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नारी इस संसार में , जस थैली की चाय
गर्म नीर में जब पडे, निज बल तभी बताय,
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नार न होती जगत में , होता बडा अनर्थ
धन दौलत सारी यहाँ, हो जाती तब व्यर्थ,
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महिलायें हैं देश की , वास्तविक शिल्पकार
पुरूष सुधार से अधिक , फैला रहे विकार,
-सूरत इस संसार की , चाहो बदले तेज
स्त्री्याँ करिये संगठित, पुरुषों से परहेज,
-स्त्रीयाँ जो भी चाहती , बनना पुरुष समान
हैं बिन महत्वाकाँक्षा , बात रहे यह ध्यान,
-बातें बनवानी अगर ,पुरुष सौंपिये काम
नारी को देंगे अगर, पहुँचेगा अंजाम,
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पुरुष बनाया ईश ने , यह था प्रथम प्रयास
नारी को फिर तब रचा, जब ली कला तराश,

-ओंम प्रकाश नौटियाल

नारी (उक्तियों का दोहा रूपान्तरण)


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