पुलवामा के आतंकी हमले से पूरा देश अत्यंत क्षुब्ध और आक्रोशित है। यही समय है जब विवेक सम्मत निर्णय लेने के लिये संयम अति आवश्यक है । वीर सैनिकों पर धोखे से किये गये इस कायराना हमले का बदला लेने के नाम पर कुछ लोग आपे से बाहर होकर भड़काऊ बातें कर रहे हैं,बयान दे रहे हैं । हमें याद रखना चाहिये कि पाक को खाक में मिलाने की बातें भी हम अपने दम पर नही वरन अपने वीर सैनिकों के बूते पर ही कर रहे हैं । तो क्या हमारे क्रोध को शान्त करने के लिये हमारे बहादुर जवानों को बिना सोचे समझे स्वयं को युद्ध में झोंक देना चाहिये ? कब , कहाँ और क्या कार्यवाही करनी है यह निर्णय हमें अपनी सेना और नीतिकारों पर छोड़ देना चाहिये जो इसके विशेषज्ञ हैं और जिन्हें इस संबंध में पूर्ण अधिकार दिये गये हैं जैसा कि हमारे प्रधान मंत्री जी ने बताया है ।यह वक्त असंयमित होकर अनर्गल गैर जिम्मेदाराना वक्तव्य देकर अपनी सेना और प्रशासकों पर अनुचित दबाव बढ़ाने का कदापि नहीं है। हमें तो केवल अपने सजग, सतर्क ,कर्तव्यपरायण ,राष्ट्र प्रेमी और जिम्मेदार नागरिक होने का कर्तव्य निभाते रहना चाहिये। हमारा प्रबल विश्वास है कि भारत की सक्षम सेना संपूर्ण परिस्थिति का संज्ञान लेते हुए समय आने पर अवश्य ही प्रभावी कदम उठायेगी । जय जवान ! जय हिंद !!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
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