Friday, February 17, 2017

सेवक से बने स्वामी

सेवक से बने स्वामी , जब सत्तासीन हो गए ,
गरीब का दुख भुलाने , सुख के आधीन हो गए,
कुर्सी मिली तो वक्त नहीं मिल पाया मिलने का
चुनाव आया ,बिछे पग में, औ’ कालीन हो गए !!
-ओंम प्रकाश नौटियाल

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