Wednesday, February 1, 2017

बसंत है !!!

बजी बजट की बाँसुरिया
सुन कर फिर हर्षे कुटिया,
कोई  न अब रहे दुखिया
बदल दे दीन की दुनियाँ
सँभावनाएं अनंत हैं
बसंत ही बस बसंत है !!!
-ओंम प्रकाश नौटियाल

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