Wednesday, March 11, 2009

उड़ा गुलाल होली में


वडोदरा 11 मार्च 2009

उड़ा गुलाल होली में -ओंम प्रकाश नौटियाल

-१-

बज उठी ढो़लक ,उड़ा गुलाल होली में ,

यादों ने दी फिर थाप, बेबाक होली में ।

-2-

बरबस ही याद आ गया,वो खूनी वाकया ,

निर्दोषों की जब जान ली खूनी गोली ने ।

-३-

चांद छूपने से हुई फीकी सी फिर फिज़ा ,

दिल चटकने की सी हुई आवाज होली में ।

-४-

पुरस्कार की तू किसी गर ,आस कर रहा ,

झुग्गी में रह स्लमडाग सा, यार होली में ।

-५-

गांधी के स्मृति चिन्ह ,न स्वदेश ढूँढना ,

टेसू के रंग की कहाँ , अब धार होली में ।

-६-

'ओंम' रोम रोम में,रचे बचपन के वो रिश्ते

पूरा गाँव ही परिवार था ,हर ईद होली में ।




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