Saturday, September 4, 2021

शिक्षक दिवस

 गीता में श्रीकृष्ण ने, 

वाचा अद्भुत ज्ञान ,

मर्म मानव जीवन के,

धर्म ,कर्म, अज्ञान ,


धर्म, कर्म, अज्ञान ,

सत्य सनातन यह है,

नश्वर है यह देह,

जीव पर अजर अमर है


रहे बात यह ध्यान,

जीवन गुरू बिन रीता,

गुरू बने थे ईश,

सुवाची जब थी गीता !

-ओम प्रकाश नौटियाल 

( सर्वाधिकार सुरक्षित )

https://www.amazon.in/s?k=om+prakash+nautiyal   


No comments:

Post a Comment