बौछार पावस की बड़ी खुशियाँ बिलोती है,
बूंदें बैठ पत्तों पर मोती संजोती हैं,
"नीरज" जी विदा क्या हुए इस भीगे मौसम में
बादल कराहते हैं बरसात रोती है !
-ओंम प्रकाश नौटियाल
बूंदें बैठ पत्तों पर मोती संजोती हैं,
"नीरज" जी विदा क्या हुए इस भीगे मौसम में
बादल कराहते हैं बरसात रोती है !
-ओंम प्रकाश नौटियाल
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