बादल सोचे देखकर , घना धरा का फाग
कौन घूमता है वहाँ , रचकर मेरा स्वाँग ?
रचकर मेरा स्वाँग ?, कुछ मैं देख ना पाऊँ
लगे सभी तो स्याम, किधर पानी बरसाऊँ
सभी छुप गये खेत, रहा मैं जिनका कायल
देख धरा का हाल , अत्यंत दुखी सब बादल
-ओंम प्रकाश नौटियाल
कौन घूमता है वहाँ , रचकर मेरा स्वाँग ?
रचकर मेरा स्वाँग ?, कुछ मैं देख ना पाऊँ
लगे सभी तो स्याम, किधर पानी बरसाऊँ
सभी छुप गये खेत, रहा मैं जिनका कायल
देख धरा का हाल , अत्यंत दुखी सब बादल
-ओंम प्रकाश नौटियाल
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