Wednesday, May 31, 2017

रेत ही रेत

गर्मी
हरियाली पथरा गयी, फैली रेत ही रेत
झुलसे झुलसे लोग हैं , सूखे सूखे खेत !!
-ओंम प्रकाश नौटियाल

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