Monday, December 15, 2014

भाग्य

ओंम प्रकाश नौटियाल
कब हमने कहा था कि तोड़ तारे लायेंगे
पतझड़ के मौसम में  हम बहारे लायेंगे
है डूबना मझधार में यदि भाग्य तुम्हारा
हम कैसे वहाँ पर  भला  किनारे लायेंगे?
-ओंम प्रकाश नौटियाल

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