Friday, August 23, 2013

हे कृष्ण प्यारे ! -ओंम प्रकाश नौटियाल

निरंकुश घूमते कंस , जरासंध इस जमाने में,

व्यस्त दुष्ट, दुराचारी , पाप की नगरी बसाने में,

कृष्णा प्यारे, करो मर्दन, इन पापियो, कालियों का

आनन्द आये तब मुरली मधुर सुनने सुनाने में !

-ओंम प्रकाश नौटियाल
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