Monday, February 15, 2021
Saturday, February 13, 2021
Wednesday, February 10, 2021
Saturday, February 6, 2021
Thursday, February 4, 2021
Saturday, January 30, 2021
Tuesday, January 12, 2021
Thursday, December 31, 2020
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं !!!
आज भोर जब निद्रा रानी हुई विदा,
द्वारे देखा मुस्काता नव नर्ष खडा,
घटनाओं से भरा पिटारा एक लिए
बारह माहों के लिबास में सजा धजा !
-ओंम प्रकाश नौटियाल
Wednesday, December 30, 2020
सुनो !!
नूतन वर्ष
तुम आ रहे हो न
ध्यान रखना
अपने थैले का
एक एक पल
सैनिटाइज करके लाना
और आते वक्त
जाते हुए विगत से
हाथ न मिलाना
ध्यान रहे
ऐसे दूषित पल फेंक आना
जो घर पर बंधक बना दें
उम्र में जुड़ कर भी
उम्र घटा दें !!!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
Sunday, December 27, 2020
Thursday, December 24, 2020
Tuesday, December 22, 2020
Thursday, December 17, 2020
Friday, December 11, 2020
Monday, November 16, 2020
Tuesday, November 10, 2020
Tuesday, November 3, 2020
Saturday, October 17, 2020
शुभ नवरात्रि !
आद्य शक्ति माँ पूज्य का, पर्व शुरू नवरात्र
भक्ति रस में डूब रहे ,नर नारी सब पात्र,
कोरोना के पाप से , दुखी सभी अत्यंत
कालरात्रि का रूप धर, दानव का हो अंत !
-ओंम प्रकाश नौटियाल
Friday, October 9, 2020
Wednesday, September 30, 2020
Saturday, September 26, 2020
Friday, September 18, 2020
Wednesday, September 16, 2020
Friday, September 4, 2020
Thursday, September 3, 2020
Saturday, August 29, 2020
Wednesday, August 26, 2020
Wednesday, August 19, 2020
Thursday, August 13, 2020
Sunday, July 19, 2020
Thursday, June 25, 2020
Monday, June 22, 2020
Saturday, June 20, 2020
Thursday, June 18, 2020
Thursday, June 11, 2020
Thursday, June 4, 2020
Monday, June 1, 2020
Friday, May 29, 2020
Thursday, May 28, 2020
Friday, May 22, 2020
Thursday, May 21, 2020
राजीव गाँधी - पुण्य तिथि पर
राजीव गाँधी - पुण्य तिथि पर
21 मई के दिन वर्ष 1991 में भारत के सबसे कम उम्र के सातवें प्रधानमंत्री भारत रत्न श्री राजीव गाँधी की चेन्नई से 30 किलोमीटर दूर श्री पैरुमबदूर में लिट्टे उग्रवादियों द्वारा हत्या कर दी गयी थी क्योंकि उन्होंने श्रीलंका में उग्रवाद को समाप्त करवाने की दिशा में बहुत महत्वपूर्ण सक्रिय सहयोग दिया था ।
श्री राजीव गाँधी का जन्म 20 अगस्त 1944 को मुम्बई में हुआ था । शिक्षा के लिये वह कुछ समय देहरादून के व्हैलम बोयज स्कूल में रहे उसके बाद उन्हें देहरादून के विश्व प्रसिद्ध दून स्कूल में भेज दिया गया ।स्कूली शिक्षाके उपरान्त वह आगे की पढाई के लिये ट्रिनिटी कौलेज लंदन गये तत्पश्चात उन्होंने मेकेनिकल इंजिनीयरिंग की पढाई के लिये इम्पीरियल कौलेज लंदन को चुना । किन्ही कारणों से वह वहाँ पढ़ाई पूरी न कर सके ।1966 में वह भारत वापस लौट गये ।उन्हें फोटोग्राफी ,पश्चिमी और भारतीय शास्त्रीय संगीत का जुनून था । फ्लाइंग का भी शौक था । दिल्ली फ़्लाईंग क्लब से पायलट की ट्रेनिंग लेने के बाद 1970 में वह इंडियन एयर लाइन्स में पायलट के रूप में शामिल हुए ।
राजनीति में उनकी कतई दिलचस्पी नहीं थी किंतु 23 जून 1980 में छोटे भाई संजय गाँधी की विमान दुर्घटना में हुई मृत्यु के पश्चात उन पर राजनीति में आने का दबाव था । 1981 में वह अमेठी से चुनाव जीते और फिर भारतीय युवा काँगेस के अध्यक्ष बनाये गये ।
सरल हृदय ,मृदुभाषी व प्रभावशाली व्यक्तित्व के धनी श्री राजीव गाँधी ने प्रधानमंत्री के रूप में अपने पाँच वर्ष (1984-1989)के कार्यकाल में अनेकों महत्वपूर्ण कार्य और सुधार किये जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं :
1.राजीव गाँधी को संचार क्राँति का जनक और डिजिटल भारत का वास्तुकार माना जाता है ।उनके कार्यकाल के प्रारंभ में सन 1984 में ही
Centre for Development of Telematics (C-DOT) की स्थापना हुई थी जिसने भारत में संचार तकनीक को विकसित कर आधुनिकतम बनाने का कार्य प्रारंभ किया ।
इसके साथ ही C-DOT ने गाँव गाँव तक E-10B एक्सचेज पर आधारित PCO (public call office) बूथ पहुँचा कर इस क्षेत्र में अभूतपूर्व क्राँति की जिससे ग्रामीण क्षेत्र बाहरी दुनिया से जुड़ सके । 1986 में MTNL स्थापना हुई
2.राजीव गाँधी ने विज्ञान तकनीक और इनसे जुड़े उद्योगों के विकास में महत्वपूर्ण कार्य किये । भारतीय रेलवे में कम्पूटराइज्ड टिकट की व्यवस्था शुरू की । कम्पूटर ,संचार ,रक्षा ,एयरलाइन्स के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किये ।
3.राजीव गाँधी ने 1986 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति की घोषणा की जिसका उद्देश्य उच्च शिक्षा का विस्तार और आधुनिकरण था ।इस नीति के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों की प्रतिभा को बाहर लाने के लिये जवाहर नवोदय विद्यालयों की स्थापना की गयी ।इनमें ग्रामीण क्षेत्रों मे कक्षा 6 से 12 तक मुफ्त आवासीय शिक्षा का प्रावधान है ।
4.1989 में पास किये 61वे संशोधन द्वारा वोटिंग उम्र 21 से घटा कर 18 की गयी ।
इसके अतिरिक्त पंचायती राज संस्थाओं के सशक्तिकरण की स्थापना का प्रारंभिक कार्य ,प्रधान मंत्री के सर्वप्रथम कार्य के रूप में दल बदल के विरोध में कानून पास करना आदि सुधारों के लिये भी इतिहास उन्हें याद करेगा ।
श्री राजीव गाँधी की पुण्य स्मृति को नमन !!
-ओंम प्रकाश नौटियाल,बडौदा
21 मई के दिन वर्ष 1991 में भारत के सबसे कम उम्र के सातवें प्रधानमंत्री भारत रत्न श्री राजीव गाँधी की चेन्नई से 30 किलोमीटर दूर श्री पैरुमबदूर में लिट्टे उग्रवादियों द्वारा हत्या कर दी गयी थी क्योंकि उन्होंने श्रीलंका में उग्रवाद को समाप्त करवाने की दिशा में बहुत महत्वपूर्ण सक्रिय सहयोग दिया था ।
श्री राजीव गाँधी का जन्म 20 अगस्त 1944 को मुम्बई में हुआ था । शिक्षा के लिये वह कुछ समय देहरादून के व्हैलम बोयज स्कूल में रहे उसके बाद उन्हें देहरादून के विश्व प्रसिद्ध दून स्कूल में भेज दिया गया ।स्कूली शिक्षाके उपरान्त वह आगे की पढाई के लिये ट्रिनिटी कौलेज लंदन गये तत्पश्चात उन्होंने मेकेनिकल इंजिनीयरिंग की पढाई के लिये इम्पीरियल कौलेज लंदन को चुना । किन्ही कारणों से वह वहाँ पढ़ाई पूरी न कर सके ।1966 में वह भारत वापस लौट गये ।उन्हें फोटोग्राफी ,पश्चिमी और भारतीय शास्त्रीय संगीत का जुनून था । फ्लाइंग का भी शौक था । दिल्ली फ़्लाईंग क्लब से पायलट की ट्रेनिंग लेने के बाद 1970 में वह इंडियन एयर लाइन्स में पायलट के रूप में शामिल हुए ।
राजनीति में उनकी कतई दिलचस्पी नहीं थी किंतु 23 जून 1980 में छोटे भाई संजय गाँधी की विमान दुर्घटना में हुई मृत्यु के पश्चात उन पर राजनीति में आने का दबाव था । 1981 में वह अमेठी से चुनाव जीते और फिर भारतीय युवा काँगेस के अध्यक्ष बनाये गये ।
सरल हृदय ,मृदुभाषी व प्रभावशाली व्यक्तित्व के धनी श्री राजीव गाँधी ने प्रधानमंत्री के रूप में अपने पाँच वर्ष (1984-1989)के कार्यकाल में अनेकों महत्वपूर्ण कार्य और सुधार किये जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं :
1.राजीव गाँधी को संचार क्राँति का जनक और डिजिटल भारत का वास्तुकार माना जाता है ।उनके कार्यकाल के प्रारंभ में सन 1984 में ही
Centre for Development of Telematics (C-DOT) की स्थापना हुई थी जिसने भारत में संचार तकनीक को विकसित कर आधुनिकतम बनाने का कार्य प्रारंभ किया ।
इसके साथ ही C-DOT ने गाँव गाँव तक E-10B एक्सचेज पर आधारित PCO (public call office) बूथ पहुँचा कर इस क्षेत्र में अभूतपूर्व क्राँति की जिससे ग्रामीण क्षेत्र बाहरी दुनिया से जुड़ सके । 1986 में MTNL स्थापना हुई
2.राजीव गाँधी ने विज्ञान तकनीक और इनसे जुड़े उद्योगों के विकास में महत्वपूर्ण कार्य किये । भारतीय रेलवे में कम्पूटराइज्ड टिकट की व्यवस्था शुरू की । कम्पूटर ,संचार ,रक्षा ,एयरलाइन्स के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किये ।
3.राजीव गाँधी ने 1986 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति की घोषणा की जिसका उद्देश्य उच्च शिक्षा का विस्तार और आधुनिकरण था ।इस नीति के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों की प्रतिभा को बाहर लाने के लिये जवाहर नवोदय विद्यालयों की स्थापना की गयी ।इनमें ग्रामीण क्षेत्रों मे कक्षा 6 से 12 तक मुफ्त आवासीय शिक्षा का प्रावधान है ।
4.1989 में पास किये 61वे संशोधन द्वारा वोटिंग उम्र 21 से घटा कर 18 की गयी ।
इसके अतिरिक्त पंचायती राज संस्थाओं के सशक्तिकरण की स्थापना का प्रारंभिक कार्य ,प्रधान मंत्री के सर्वप्रथम कार्य के रूप में दल बदल के विरोध में कानून पास करना आदि सुधारों के लिये भी इतिहास उन्हें याद करेगा ।
श्री राजीव गाँधी की पुण्य स्मृति को नमन !!
-ओंम प्रकाश नौटियाल,बडौदा
पुण्य तिथि
आज भारत के पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गाँधी की पुण्य तिथि है !
-
संचार क्राँति के जनक, तकनीकी चाणक्य
पुण्य तिथि पर नमन तुम्हें ,हे भारत माणिक्य !
-ओंम प्रकाश नौटियाल
-
संचार क्राँति के जनक, तकनीकी चाणक्य
पुण्य तिथि पर नमन तुम्हें ,हे भारत माणिक्य !
-ओंम प्रकाश नौटियाल
Tuesday, May 19, 2020
बेबस
’बस’ के पास खड़े हुए ”बेबस’ पर मजदूर
’ओंम’ पूर्ण होते नहीं , कागज के दस्तूर !
-ओंम प्रकाश नौटियाल
’ओंम’ पूर्ण होते नहीं , कागज के दस्तूर !
-ओंम प्रकाश नौटियाल
Sunday, May 17, 2020
Tuesday, May 12, 2020
Monday, May 11, 2020
Saturday, May 9, 2020
Tuesday, May 5, 2020
Thursday, April 23, 2020
Tuesday, April 14, 2020
Saturday, April 4, 2020
Friday, April 3, 2020
Saturday, March 14, 2020
रात की तनहाई और सिसकियाँ
- ओंम प्रकाश नौटियाल
कुछ दिनों पूर्व कि बात है शंघाई शहर के सिंगची गाँव के पंचायती घर के एक कमरे में विद्वान सहित्यकार ली पिंग एक दिन ठहरने के लिये रूके । रात में उन्हें साथ के कमरे से किसी के सिसकने का स्वर सुनाई दिया । वह उठे और हल्की मोमबत्ती की रोशनी में कराहने की आवाज का स्रोत ढूंढ़ने लगे ।बगल के कमरे में घुसते ही कराहने का स्वर तीव्र हो गया किंतु उन्हें कुछ दिखायी नहीं दिया । कुछ घबराते हुए काँपते स्वर में उन्होंने तेज आवाज में पूछा ,"कौन है यहाँ ,सामने क्यों नहीं आता ?" तभी ऊँचे स्वर में आवाज आई, " आप घबराइये नहीं । मैं यहाँ दरवाजे के सामने वाली खिड़की के दायीँ ओर वाले कोने में हूँ मेरा नाम कुंग ची कोरोना है । ईश्वर ने मुझे इतना छोटा बनाया है कि आप मुझे नहीं देख सकते पर मैं आपको देख सकता हूँ ।"
"ठीक है । क्या चाहते हो । रो क्यों रहे हो ?"
"पिंग जी , मैं वर्षों से इस कोने में पडा हूं ।मैं बहुत शक्तिशाली हूँ किंतु मुझे कोई नहीं पूछता। आज वर्षों बाद कोई यहाँ आपकी उपस्थिति का भान हुआ तो आप से अपना दर्द बाँटने का मन हुआ। और आँसुओं का दरिया उमड़ पड़ा । " कुंग भर्राये गले से बोला ।"
" कुंग बेटा , तुम शायद आज की दुनियाँ से बेखबर हो । केवल गुण संपन्न होना ही काफी नहीं है -अपने गुण दुनियाँ के सामने पेश करने के हथकण्डों में भी शातिर होना चाहिए । हर फन का यही उसूल है । हमारे साहित्यिक जगत में भी चंदा, चाटुकारिता, भोज ,संपर्क आदि साहित्यिक योगदान से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है तभी तो हमारे गाँव का चाँग लुई, जिसका साहित्यिक योगदान सरकार के लिये कुछ नारे लिखने तक सीमित रहा है, चीन के सर्वोच्च साहित्यिक पुरस्कार च्वान से सम्मानित हो गया । इसलिये बेटा ,केवल शक्तिशाली होकर कोने में पड़े रहने से तुम्हें कोई नहीं जानेगा । तुम्हें स्वयं को विश्व में प्रचारित करना होगा । "
" कैसे चाचा, बताइये न क्या करूं ?"
" तुम अब बिल्कुल चिंता मत करो। तुम भाग्यशाली हो कि मुझसे तुम्हारी मुलाकात हो गयी । तुम परसों मेरे साथ चलो मैं तुम्हें शंघाई ले जाऊँगा । वहाँ से चीन और सारे विश्व के द्वार तुम्हारे लिये अपनी शक्ति प्रदर्शन के लिये खुले होंगे ।" पिंग बोले ।
"जी बहुत अच्छा ।मैं तैय्यार हूं ।"
" पर सुनो।कुंग ची कोरोना जैसा लम्बा नाम सफलता में बाधक है । आज से तुम दुनियाँ के लिये केवल कोरोना हो । समझे ।"
दो दिन पश्चात ली पिंग ने कोरोना को शंघाई एयरपोर्ट पर छोड़ दिया ।
"कोरोना बेटे । यहाँ से तुम विश्व भ्रमण पर अपनी शक्ति दिखाने निकल जाओ ।"
"ठीक है चाचा । लेकिन एक बात सुनो। मैं नही चाहता कि मेरे विश्व प्रसिद्ध होने का श्रेय मेरे अतिरिक्त किसी और को मिले । तुम्हारे माधयम से चीन में तथा अन्य जगहों पर भी लोग मेरी शक्ति का लोहा मानेंगे पर मुझे दुःख है कि यह देखने के लिये और दुनियाँ को मेरी कहानी सुनाने के लिये तुम अब जीवित नहीं बचोगे । "
और सचमुच ली पिंग की तीन दिन बाद मृत्यु हो गयी तथा उनके बताये हुए रास्ते पर चलकर शीघ्र ही दुनियाँ कोरोना की शक्ति के आगे नतमस्तक हो गयी ।
-ओंम प्रकाश नौटियाल ,बडौदा , मोबा. 9427345810
(सर्वाधिकार सुरक्षित )
"ठीक है । क्या चाहते हो । रो क्यों रहे हो ?"
"पिंग जी , मैं वर्षों से इस कोने में पडा हूं ।मैं बहुत शक्तिशाली हूँ किंतु मुझे कोई नहीं पूछता। आज वर्षों बाद कोई यहाँ आपकी उपस्थिति का भान हुआ तो आप से अपना दर्द बाँटने का मन हुआ। और आँसुओं का दरिया उमड़ पड़ा । " कुंग भर्राये गले से बोला ।"
" कुंग बेटा , तुम शायद आज की दुनियाँ से बेखबर हो । केवल गुण संपन्न होना ही काफी नहीं है -अपने गुण दुनियाँ के सामने पेश करने के हथकण्डों में भी शातिर होना चाहिए । हर फन का यही उसूल है । हमारे साहित्यिक जगत में भी चंदा, चाटुकारिता, भोज ,संपर्क आदि साहित्यिक योगदान से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है तभी तो हमारे गाँव का चाँग लुई, जिसका साहित्यिक योगदान सरकार के लिये कुछ नारे लिखने तक सीमित रहा है, चीन के सर्वोच्च साहित्यिक पुरस्कार च्वान से सम्मानित हो गया । इसलिये बेटा ,केवल शक्तिशाली होकर कोने में पड़े रहने से तुम्हें कोई नहीं जानेगा । तुम्हें स्वयं को विश्व में प्रचारित करना होगा । "
" कैसे चाचा, बताइये न क्या करूं ?"
" तुम अब बिल्कुल चिंता मत करो। तुम भाग्यशाली हो कि मुझसे तुम्हारी मुलाकात हो गयी । तुम परसों मेरे साथ चलो मैं तुम्हें शंघाई ले जाऊँगा । वहाँ से चीन और सारे विश्व के द्वार तुम्हारे लिये अपनी शक्ति प्रदर्शन के लिये खुले होंगे ।" पिंग बोले ।
"जी बहुत अच्छा ।मैं तैय्यार हूं ।"
" पर सुनो।कुंग ची कोरोना जैसा लम्बा नाम सफलता में बाधक है । आज से तुम दुनियाँ के लिये केवल कोरोना हो । समझे ।"
दो दिन पश्चात ली पिंग ने कोरोना को शंघाई एयरपोर्ट पर छोड़ दिया ।
"कोरोना बेटे । यहाँ से तुम विश्व भ्रमण पर अपनी शक्ति दिखाने निकल जाओ ।"
"ठीक है चाचा । लेकिन एक बात सुनो। मैं नही चाहता कि मेरे विश्व प्रसिद्ध होने का श्रेय मेरे अतिरिक्त किसी और को मिले । तुम्हारे माधयम से चीन में तथा अन्य जगहों पर भी लोग मेरी शक्ति का लोहा मानेंगे पर मुझे दुःख है कि यह देखने के लिये और दुनियाँ को मेरी कहानी सुनाने के लिये तुम अब जीवित नहीं बचोगे । "
और सचमुच ली पिंग की तीन दिन बाद मृत्यु हो गयी तथा उनके बताये हुए रास्ते पर चलकर शीघ्र ही दुनियाँ कोरोना की शक्ति के आगे नतमस्तक हो गयी ।
-ओंम प्रकाश नौटियाल ,बडौदा , मोबा. 9427345810
(सर्वाधिकार सुरक्षित )
Friday, March 13, 2020
Tuesday, March 10, 2020
विधायकी
विधायकी कितनी मुश्किल हो गयी है आजकल । हर वक्त सूट केस लेकर तैय्यार रहना पड़ता है पता नहीं कब, शार्ट नोटिस पर, बस में बैठकर किसी अनजाने रिसौर्ट या होटल में, अनिश्चित अवधि के लिये सरकार भंजन अथवा सर्जन की गैर सरकारी ड्यूटी पर जाना पड़ जाए ।
Thursday, March 5, 2020
Subscribe to:
Posts (Atom)