Thursday, February 15, 2024

Sunday, February 4, 2024

राम भरोसे

 राम भरोसे

 

मेधावी लोग

पंक्तियों के मध्य पढ़ लेते हैं

अनलिखा,

वह भी सुन लेते हैं जो है

अनकहा,

स्थिति का सूक्ष्म विश्लेषण करते हैं

मष्तिष्क में दिन रात 

तनाव भरते हैं

दूसरी ओर आमलोग

अभाव से ग्रस्त

भले हों त्रस्त

सत्ता सिखाती है कि

न कुछ सोचें

न किसी को कोसें

रहें "राम भरोसे"

भजन पूजन में व्यस्त

और बस मस्त !!

-ओम प्रकाश नौटियाल

(पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित )