आज भोर जब निद्रा रानी हुई विदा,
द्वारे देखा मुस्काता नव नर्ष खडा,
घटनाओं से भरा पिटारा एक लिए
बारह माहों के लिबास में सजा धजा !
-ओंम प्रकाश नौटियाल
मैं चुप रहा तो और गलतफ़हमियाँ बढी , वो भी सुना है उसने, जो मैने कहा नहीं । -----डा. बशीर बद्र
आज भोर जब निद्रा रानी हुई विदा,
द्वारे देखा मुस्काता नव नर्ष खडा,
घटनाओं से भरा पिटारा एक लिए
बारह माहों के लिबास में सजा धजा !
-ओंम प्रकाश नौटियाल
नूतन वर्ष
तुम आ रहे हो न
ध्यान रखना
अपने थैले का
एक एक पल
सैनिटाइज करके लाना
और आते वक्त
जाते हुए विगत से
हाथ न मिलाना
ध्यान रहे
ऐसे दूषित पल फेंक आना
जो घर पर बंधक बना दें
उम्र में जुड़ कर भी
उम्र घटा दें !!!
-ओंम प्रकाश नौटियाल