Wednesday, August 29, 2018

सौगात !

हमने कही मजाक में, अच्छे दिनों की बात
जाने क्या सोच सब ने, दिल से लगाली बात
हम ही अगर  दुखियों से,  दिल्लगी ना करेंगे
देगा भला उन्हें कौन, हँसी की फिर सौगात !
-ओंम प्रकाश नौटियाल


Wednesday, August 15, 2018

शान्ति और अखबार

पारिवारिक जीवन में शान्ति स्थापित करने में दैनिक अखबार  का अमूल्य योगदान रहता है । सुबह  अधिकतर घरों मे कम से कम एक घन्टे तक  उस समय युद्ध विराम रहता है जब पति पत्नी  दुनियाँ भर में हो रही मार काट और झगड़ों के समाचार शान्ति के साथ चटखारे ले ले कर पढ़ रहे होते हैं ।लेकिन १६ अगस्त के दिन जब अखबार नहीं आता तब गृह युद्ध के बादल सुबह से ही बस बरसते  रहते हैं बिना कुछ देर को भी थमने का नाम लिये !!!   
-ओम प्रकाश नौटियाल

Tuesday, August 14, 2018

स्वतंत्रता दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं !!


जरा याद उन्हें भी कर लो ......
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भूधर से द्दढ़ इरादे, उस पर हृदय विशाल
अंतस में रही जलती , स्वतंत्रता की ज्वाल,
जो सहर्ष  मिटे करते , माँ की मान रक्षा
युगों तक न कुंद होगी, उस त्याग की मशाल !!
-ओम प्रकाश नौटियाल 

Sunday, August 12, 2018

दो कुण्ड़लियाँ

                      -1-
बोला नेता जोश में, अब न गरीबी शेष
तभी कृषक ने कर दिया, वर्णित अपना क्लेश,
वर्णित अपना क्लेश, निवाले तक को तरसे
हुई  न मुश्किल दूर ,रोज बस वादे बरसे,
फल खायें धनवान, कृषक का खाली  झोला
भरे नहीं यह पेट, दुःखी हो कृषक  बोला !!
                     -2-
आने वाले दिनों में, खूब मनेगा जश्न
अनसुलझे लेकिन खड़े, पिछले सारे प्रश्न,
पिछले सारे प्रश्न ,भूख शिक्षा के मसले
सुता,बहन की खैर ,निरंतर बढ़ते घपले,
कहें ओम कविराय, कोई माने न माने
मची देश में लूट , बात सच सोलह आने
-ओंम प्रकाश  नौटियाल