Saturday, August 26, 2017

वर्षों भक्तों ने पढ़ा

वर्षों भक्तों ने पढ़ा  , क्या क्या स्याह सफेद
इम्तिहान की थी घड़ी , खुले तभी सब  भेद !
-ओंम प्रकाश नौटियाल

Friday, August 18, 2017

काला चंदा

चंदा लेते ब्लैक का ,जिसमें ’पता’ न  ’पैन’
औरों को समझा रहे, काला धन है बैन
काला धन है बैन , हिला दे अर्थ तंत्र को
हर दल की पर नींव, पोषती इसी यंत्र को
करना नष्ट समूल , स्याह धन का यदि धंधा
सर्व प्रथम हो बंद  , चुनावी काला चंदा  !!!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
(पूर्व प्रकाशित-सर्वाधिकार सुरक्षित )

Saturday, August 12, 2017

मेरा भारत -कुछ दोहे

मेरा भारत -कुछ दोहे (मेरी पुस्तक "पीपल बिछोह में"  से उद्धत ) -ओम प्रकाश नौटियाल

Wednesday, August 9, 2017

मसखरे

राजनीति के मसखरे , बदलें पल पल रंग
धन, पद , कद जो दे सके, चले उसी के संग !
ओंम प्रकाश नौटियाल

Sunday, August 6, 2017

Thursday, August 3, 2017

पर्यावरण बचाइये

पर्यावरण बचाइये , शाखें हो सर्वत्र
बैठ सकें उल्लू सभी , बहुत हुए एकत्र !!
ओंम प्रकाश नौटियाल