माटी की सोंधी महक, फैली नीम सुगंध
पहली इस बौछार का , छंदों सा आनंद !!
पानी बरसा मेघ से , मिटा ताप संताप
चादर हरी लपेट ली , धरती ने चुपचाप !!
ओंम प्रकाश नौटियाल
पहली इस बौछार का , छंदों सा आनंद !!
पानी बरसा मेघ से , मिटा ताप संताप
चादर हरी लपेट ली , धरती ने चुपचाप !!
ओंम प्रकाश नौटियाल